एक्सप्लोरर

श्रद्धांजलि: कल्पेश जी! अधूरा काम छोड़कर ऐसे जाता है कोई

आमतौर पर अखबार सुबह सात बजे आते हैं, लेकिन जल्दी उठने पर खबरों की भूख व्हाट्सएप्प ही दूर करता है. आज तडके सुबह इंदौर के दोस्तों के व्हाट्सएप्प ग्रुपों में जो खबर दिख रही थी, वो अच्छी नहीं थी. कल्पेश याज्ञनिक नहीं रहे. ये चार शब्द हिंदी पत्रकारिता के लिए कितने त्रासद हैं, ये कोई अच्छा पत्रकार और पाठक ही समझ पाएगा. दैनिक भास्कर समूह से पिछले बीस सालों से जुड़े कल्पेश के बारे में उनके साथी पत्रकार कीर्ति राणा ने बताया कि दैनिक भास्कर आज पाठकों की पहली पसंद बना हुआ है. उसकी गंगौत्री अखबार के मालिक सुधीर अग्रवाल हैं. लेकिन गंगा कल्पेश ही थे.

अखबार को सामग्री के स्तर पर इस उंचाई पर ले जाने की सामर्थ्य और उसके पीछे की मेहनत कल्पेश के कारण ही संभव हो पा रही थी. कल्पेश इस अखबार के समूह संपादक थे. पूरे वक्त अखबार में ही रमे रहना उनकी आदत थी. बाहर की दुनिया वालों के लिए वो असहज थे. वहां उनका मन नहीं रमता था. उनकी चिंता तो अपने पाठक को ‘कैसे अच्छा और क्या नया पेश किया जाए’ ये होती थी. उनका ज्यादा वक्त अखबार में ही गुजरता था. वो दफतर में कब आते थे ओर कब जाते थे, अंदाजा लगाना कठिन होता था. काल की कठोरता देखिये कि वो अखबार में काम करते करते ही इस दुनिया को छोड गए.

इंदौर में दैनिक भास्कर के दफतर में 13 तारीख का अखबार निकालते वक्त रात साढे दस बजे उनको दिल का दौरा पड़ा. आनन-फानन में उनको दफतर के पास ही बाम्बे हॉस्पिटल ले जाया गया और डाक्टरों की तमाम कोशिशों के बाद भी उनको नहीं बचाया जा सका. रात दो बजे उन्होंने अंतिम सांस ली.

दैनिक भास्कर के पत्रकार विजय मनोहर तिवारी बताते हैं कि कल्पेश जी की अखबार को लेकर लगन बेमिसाल थी. वो एकनिष्ट थे. हर समय अखबार और पाठक को क्या अच्छा लगेगा यही सोचते थे. जहां सारे अखबार सिर्फ समाचार की खबर छाप कर संतुष्ट हो जाते थे. तब कल्पेश जी अपने रिपोर्टर और संपादकीय टीम से कहते थे कि इस खबर में अपने पाठक के रूप में सवाल पूछो कि कुछ बचा तो नहीं? तब जाकर खबर पूरी होगी.

यही वजह है कि दैनिक भास्कर के पाठक को खबर के अलावा भी कुछ ऐसा मिलता था जो सबसे हटकर होता था. आपको ऐसा संपादक नहीं मिलेगा, जो रात को दो बजे अखबार निकालने के बाद बाहर खड़ा होकर अपने सहयोगियों से अपने अखबार की खबरों और कल क्या होगा इस पर फिर एक दो घंटे तक चर्चा करने की सामर्थ्य रखता हो. उनमें काम करने को लेकर जुनून था. ऐसी ही जुनूनी उनकी लेखनी थी. दैनिक भास्कर में छपने वाला उनका कालम ‘असंभव के विरूद्ध’ पाठकों के बीच बेहद लोकप्रिय था. उनके बेबाक विचार और तीखी शैली के सब कायल थे.

इंदौर की छात्र राजनीति से शुरूआत कर पहले फ्री प्रेस में रिपोर्टर और संपादक फिर दैनिक भास्कर में समूह संपादक तक का उनका सफर चौंकाता है. शहर के अखबारों में अपनी विज्ञप्तियां छपवा कर प्रसन्न होने वाला छात्र नेता कल्पेश जब राजनीति को एक तरफ रखकर पत्रकारिता में आया तो सिर्फ अखबार और अपने पाठक का होकर रह गया. उनके राजनीति के दिनों के साथी हैरान थे कि कल्पेश कितना बदल गया. मगर इस बदले हुए कल्पेश ने ही एक बहुत बिकने वाले अखबार को पूरा बदलकर पाठकों की पहली पसंद बना दिया. ऐसे कर्मशील और एकनिष्ट कल्पेश जी को उनके पाठक और पत्रकारिता कभी नहीं भूलेगी.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India-Pakistan Relations: कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
Hardik Pandya Divorce: हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
metaverse

वीडियोज

PM Modi On ABP: स्वार्थी लोगों ने ब्रह्मोस का एक्सपोर्ट रोका-पीएम मोदी का बड़ा बयान | Loksabha PollsLoksabha Election 2024: मोदी की आध्यात्म यात्रा..'हैट्रिक' का सार छिपा ? | ABP NewsPM Modi On ABP: 2024 चुनाव के नतीजों से पहले पीएम मोदी का फाइनल इंटरव्यू | Loksabha ElectionPM Modi On ABP: पीएम मोदी से पहली बार जानिए- किस विपक्षी नेता के वे पैर छूते थे | Loksabha Election

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India-Pakistan Relations: कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
Hardik Pandya Divorce: हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
'जवान', 'पठान' या 'एनिमल' नहीं, इस फिल्म को 2023 में हुआ सबसे ज्यादा मुनाफा! यहां देखें टॉप 5 की लिस्ट
'जवान', 'पठान' या 'एनिमल' नहीं, इस फिल्म को 2023 में हुआ खूब मुनाफा!
वैक्सीन बनाने वालों को कम से कम कितनी सैलरी देता है सीरम इंस्टिट्यूट? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश
वैक्सीन बनाने वालों को कम से कम कितनी सैलरी देता है सीरम इंस्टिट्यूट? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश
शरीर में है B12 की कमी तो कुछ ऐसे दिखते हैं लक्षण, जानें एक सेहतमंद व्यक्ति में कितना होना चाहिए लेवल?
शरीर में है B12 की कमी तो कुछ ऐसे दिखते हैं लक्षण, जानें एक सेहतमंद व्यक्ति में कितना होना चाहिए लेवल?
टूरिज्म में आया उछाल, 119 देशों की सूची में 39वें स्थान पर आया भारत, क्या हैं इसके संकेत
टूरिज्म में आया उछाल, 119 देशों की सूची में 39वें स्थान पर आया भारत, क्या हैं इसके संकेत
Embed widget