एक्सप्लोरर

रामसेतु पर संसद में जवाब देकर केंद्र सरकार के मंत्री ने कर लिया सेल्फ गोल?

संघ और बीजेपी के लिए रामसेतु एक बड़ा सियासी मुद्दा रहा है, लेकिन अब मोदी सरकार के ही एक मंत्री ने संसद में रामसेतु का कोई वजूद होने से ही इनकार कर दिया है. ये सरकार के लिए सेल्फ गोल करने जैसा है क्योंकि कांग्रेस अक्सर इसे काल्पनिक बताती रही है, लिहाजा सरकार के इस जवाब के बाद विपक्ष को हमलावर होने का मौका मिल गया है. हालांकि रामसेतु करोड़ों हिंदुओं की आस्था से जुड़ा मुद्दा है, इसलिये सवाल उठ रहा है कि सरकार ने ऐसा जवाब देकर बीजेपी समेत तमाम हिंदूवादी संगठनों की फजीहत आखिर क्यों करवाई?

अगर विज्ञान की दृष्टि से देखें तो जितेन्द्र सिंह ने संसद को गुमराह करने की बजाए बिल्कुल सही जवाब दिया है. अब विपक्ष अगर इसे सरकार के लिए सेल्फ गोल मान रहा है तो मानता रहे. वह इसलिए कि जितेंद्र सिंह प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री होने के अलावा परमाणु ऊर्जा विभाग तथा अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री भी हैं. चूंकि सवाल विज्ञान की रिसर्च से जुड़ा हुआ था, इसलिये उन्होंने अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री के नाते उसका उचित जवाब देने से कोई परहेज नहीं किया. अब ये अलग बात है कि इससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हों.

दरअसल, हरियाणा से निर्दलीय सांसद कार्तिकेय शर्मा ने राज्यसभा में रामसेतु का मुद्दा उठाया. उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार हमारे गौरवशाली, प्राचीन इतिहास को लेकर कोई साइंटिफिक रिसर्च कर रही है? क्योंकि पिछली सरकारों ने लगातार इस मुद्दे को तवज्जो नहीं दी. उनके इस सवाल का केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि रामसेतु को लेकर हमारी कुछ सीमाएं हैं क्योंकि ये करीब 18 हजार साल पहले का इतिहास है. जिस ब्रिज की बात हो रही है वो करीब 56 किमी लंबा था. स्पेस टेक्नोलॉजी के जरिए हमने पता लगाया कि समुद्र में पत्थरों के कुछ टुकड़े पाए गए हैं, इनमें कुछ ऐसी आकृति है जो निरंतरता को दिखाती हैं. 

समुद्र में कुछ आइलैंड और चूना पत्थर जैसी चीजें दिखीं हैं. अगर सीधे शब्दों में कहा जाए तो ये कहना मुश्किल है कि रामसेतु का वास्तविक स्वरूप वहां मौजूद है. हालांकि कुछ संकेत ऐसे भी हैं जिनसे ये पता चलता है कि स्ट्रक्चर वहां मौजूद हो सकता है. हम लगातार प्राचीन द्वारका शहर और ऐसे मामलों की जांच के लिए काम कर रहे हैं. साफ शब्दों में कहें, तो सरकार ने ये मान लिया है कि सैटेलाइट से प्राप्त तस्वीरों से भी राम सेतु के होने के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं. सालों से रामसेतु के अस्तित्व पर चल रहे विवाद के बीच मोदी सरकार के इस बयान को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
 
बता दें कि वाल्मीकि रामायण और रामचरित मानस की पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रभु श्रीराम ने श्रीलंका जाने के लिए समुद्र के ऊपर एक ब्रिज बनाया था. उस सेतु अर्थात पुल के आज भी अवशेष पाए जाते हैं, परंतु कहा जाता है कि 'सेतुसमुद्रम परियोजना' के तहत इस सेतु को बहुत हद तक क्षति पहुंचाई जा चुकी है. रामसेतु ऐसा मुद्दा है, जिसे लेकर पिछले कई सालों से बीजेपी और कांग्रेस के बीच तीखी जुबानी जंग होती है. इसे लेकर पहले भी कई तरह की थ्योरी सामने आती रही हैं. बीजेपी लगातार कांग्रेस पर ये आरोप लगाती आई है कि वो रामसेतु के अस्तित्व को नहीं मानती, लेकिन अब सरकार के संसद में दिये इस जवाब के बाद कांग्रेस के हौसले बुलंद हो गए हैं और अब वह पहले से भी ज्यादा मुखर होकर हमालावर मूड में आ गई है.

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने ट्विटर पर सरकार के इस जवाब को पोस्ट करते हुए लिखा, "सभी भक्त जन कान खोल कर सुन लो और आंखें खोल कर देख लो. मोदी सरकार संसद में कह रही है कि रामसेतु होने का कोई प्रमाण नहीं है." पवन खेड़ा के अलावा अन्य विपक्षी नेता भी अब इसे सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं और कह रहे हैं कि बीजेपी की असली सच्चाई सामने आ गई है. दरअसल, रामसेतु को लेकर सबसे बड़ा दावा ये है कि भगवान राम ने इस सेतु को लंका पर चढ़ाई करने के लिए बनाया था, जिसमें वानरों की सेना ने उनकी मदद की थी. वहीं मुस्लिम पक्ष की तरफ से दावा किया जाता है कि आदम ने इस पुल को बनाया था, लेकिन साइंटिफिक रिसर्च की बात करें तो विशेषज्ञों का कहना है कि समुद्र में उस जगह पानी उथला होने के चलते पत्थर दिखने लगे हैं.

बता दें कि सेतुसमुद्रम परियोजना को वाजपेयी सरकार में मंजूरी दी गई थी. साल 2004 में वाजपेयी सरकार ने इसके लिए 3,500 करोड़ रुपये का बजट रखा था. हालांकि, चुनावों में एनडीए सरकार की विदाई हो गई और कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बनें. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए सरकार ने जब इसे आगे बढ़ाने पर काम किया तो बीजेपी ही विरोध में खड़ी हो गई.

वैसे रामसेतु को लेकर असली विवाद 2005 में शुरू हुआ था. तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने सेतुसमुद्रम शिपिंग नहर परियोजना को हरी झंडी दे दी थी. इस परियोजना के तहत इस सेतु को तोड़कर एक मार्ग तैयार करना था जिससे बंगाल की खाड़ी से आने वाले जहाजों को श्रीलंका का चक्कर नहीं लगाना पड़े. इससे समय, दूरी और ईंधन सबकुछ बचाने का मकसद था. हालांकि, बीजेपी समेत अन्य हिंदू संगठनों ने भी इसका विरोध किया और मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया. 

साल 2008 में यूपीए सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर रामसेतु को काल्पनिक करार देते हुए कहा गया, "वहां कोई पुल नहीं है. ये स्ट्रक्चर किसी इंसान ने नहीं बनाया. यह किसी सुपर पावर से बना होगा और फिर खुद ही नष्ट हो गया. इसी वजह से सदियों तक इसके बारे में कोई बात नहीं हुई और न कोई सुबूत है." इस हलफनामे का खूब विरोध हुआ था, जिसके बाद सरकार ने ये कहते हुए उसे  वापस ले लिया था कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है, लेकिन मोदी सरकार के मंत्री के जवाब ने रामसेतु के सोये हुए जिन्न को फिर से जगा दिया है.

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India-Pakistan Relations: कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
Hardik Pandya Divorce: हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
metaverse

वीडियोज

PM Modi On ABP: स्वार्थी लोगों ने ब्रह्मोस का एक्सपोर्ट रोका-पीएम मोदी का बड़ा बयान | Loksabha PollsLoksabha Election 2024: मोदी की आध्यात्म यात्रा..'हैट्रिक' का सार छिपा ? | ABP NewsPM Modi On ABP: 2024 चुनाव के नतीजों से पहले पीएम मोदी का फाइनल इंटरव्यू | Loksabha ElectionPM Modi On ABP: पीएम मोदी से पहली बार जानिए- किस विपक्षी नेता के वे पैर छूते थे | Loksabha Election

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India-Pakistan Relations: कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
Hardik Pandya Divorce: हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
'जवान', 'पठान' या 'एनिमल' नहीं, इस फिल्म को 2023 में हुआ सबसे ज्यादा मुनाफा! यहां देखें टॉप 5 की लिस्ट
'जवान', 'पठान' या 'एनिमल' नहीं, इस फिल्म को 2023 में हुआ खूब मुनाफा!
वैक्सीन बनाने वालों को कम से कम कितनी सैलरी देता है सीरम इंस्टिट्यूट? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश
वैक्सीन बनाने वालों को कम से कम कितनी सैलरी देता है सीरम इंस्टिट्यूट? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश
शरीर में है B12 की कमी तो कुछ ऐसे दिखते हैं लक्षण, जानें एक सेहतमंद व्यक्ति में कितना होना चाहिए लेवल?
शरीर में है B12 की कमी तो कुछ ऐसे दिखते हैं लक्षण, जानें एक सेहतमंद व्यक्ति में कितना होना चाहिए लेवल?
टूरिज्म में आया उछाल, 119 देशों की सूची में 39वें स्थान पर आया भारत, क्या हैं इसके संकेत
टूरिज्म में आया उछाल, 119 देशों की सूची में 39वें स्थान पर आया भारत, क्या हैं इसके संकेत
Embed widget