एक्सप्लोरर

ऑक्सीजन मांगते लोग और ख़्वाब बांटती सरकारें...

बात 1773 की है जब एक स्वीडिश रसायनज्ञ कार्ल विल्हेम शेहेल अपने लैब में कुछ पदार्थो को टेस्ट कर रहे थे कि अचानक ही जब उन्होंने पोटेशियम नाइट्रेट, मरक्यूरिक ऑक्साइड आदि पदार्थो को गर्म किया तो एक नए द्रव का पता चला. हालांकि ये प्राकृतिक रूप से तो बहुत सारा है मगर अभी तक इस द्रव का कोई नाम नहीं रखा गया था. यही से इस अनमोल द्रव का नामकरण हुआ "ऑक्सीजन"

हालांकि कार्ल विल्हेम शेहेल अकेले व्यक्ति नहीं थे जिन्होंने इसको खोजा था, इंग्लैंड के एक रसायनज्ञ जोज़ेफ़ प्रीस्टलि ने भी लगभग उसी वक्त 1774 में अपनी खोज में ऑक्सीजन होने की बात की थी. पहले के जमाने मे ऑक्सीजन खरीदना या ऑक्सीजन की कमी होना बड़ा ही हंसयास्पद माना जाता था, मगर आज के समय ये भारत के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है. जरूरत इतनी की कई उद्योगों को और सरकार को इसे हॉस्पिटल तक पहुंचाने में एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है. स्थिति इतनी भयावह है कि बिना इसके हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था एक दम चरमरा के गिर चुकी है.

भूटान नेपाल जैसे छोटे देशों से मदद लेने को मजबूर है देश

मगर सवाल ये है कि इतनी जरूरी खोज जो इतने सालों पहले हो चुकी थी आज तक इसकी महत्वत्ता हमारी सरकारों के पल्ले क्यों नही पड़ी? क्या इस देश के तंत्र को चलाने वाले आज तक दवाई या बाकी स्वास्थ्य सुविधा नहीं दे सके. अब एक ऑक्सीजन जैसी छोटी सी चीज भी दे पाने में सक्षम नहीं हैं. कहां है हमारी सरकारें जो एक तरफ विश्वगुरु बनने का दावा तो करती हैं मगर दूसरी तरफ भूटान नेपाल जैसे छोटे-छोटे देशों से मदद लेने को मजबूर हैं.

मौजूदा सरकार ने ही साल 2018 के बजट में एक बड़ा उलट-फेर करके "Secondary and Higher Education cess" को हटा कर "Health and Education Cess" को बजट में जगह दी थी और साथ ही उसमें 1% का इजाफा करके 4% तय किया था. तब इस मात्र 1% के इजाफे से ही तत्कालीन वित्त मंत्री ने 11,000 करोड़ रुपये सालाना अतिरिक्त संग्रह होने का अनुमान लगाया था. साथ ही वर्ष 2022 तक गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों और ग्रामीण परिवारों की शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए कई कार्यक्रम प्रस्तावित किए थे जिसमें की "राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना" भी एक थी.

हालांकि गौर करे वाली बात ये है कि इसी साल 2018 में ही भारत सरकार ने स्वास्थ्य सेवा पर होने वाला खर्च उसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का मात्र 1.28% कर दिया गया था. तुलनात्मक रूप से अमेरिका में यह 17% था. तो क्या हम ये मान ले कि सरकार ने एक ओर जहां सिर्फ टैक्स बढ़ाने पे जोर दिया वहीं दूसरी ओर उसी टैक्स के पैसे को आम जनता पर खर्च करने से बचती रही है. नतीजतन गए दो सालों तक जिन स्वास्थ्य सुविधओं के नाम पर हम सबने जो 4% कर दिया था वो सारी विश्व स्तरीय सुविधओं वाले सरकारी कार्यक्रम इन्ही मात्र दो सालों में धराशाई हो गए, जिसका खामियाजा हमें अपनो को खोकर चुकाना पड़ा है.

135 करोड़ की आबादी में से करीब 2% आबादी कोरोना संक्रमित

हमारी सरकारें चुनावो में बड़े-बड़े दावे और वायदे तो करती है मगर जरूरत पड़ने पर मुंह क्यों मोड़ लेती है? ये बात हम ऐसे समझ सकते है कि भारत की कुल 135 करोड़ की आबादी में से करीब 2% आबादी कोरोना संक्रमित होती है और इस 2% आबादी के भी सिर्फ 15% हिस्से को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है जो कि हमारी सस्वम्भू विश्वस्तरीय सरकारे समय रहते मुहैया नहीं करवा सकी और इस लचर वयवस्था का दृश्य जो बना वो घंटो लाइनो में लगे लोग जो जितने अस्पतालों में थे उतने ही दवाइयों के लिए भटकते हुए मिले. कुछ ऑक्सीजन ढूंढ रहे थे तो बाकी शमशानों कब्रिस्तानों में अपने परिजनों को अंतिम विदाई देने के लिए खड़े दिखे.

एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही सरकारें

कुल मिला कर जिन सरकारों को अपनी गलती पर शर्मिंदा होना चाहिए था वो या तो एक दूसरे पर कीचड़ उछालते मिले या फिर अपनी गलतियों से पल्ला झाड़ते, मगर मुश्किल ये है कि वो हकीकत से मुंह नहीं मोड़ सकते और भारतीय इतिहास की यही सबसे बड़ी हकीकत है कि बिना किसी युद्ध, भुखमरी, महा आर्थिक मंदी के लाखों लोग बेसहारे हो कर काल के आगोश में समां गए.

अगर बुद्धिजीवियो की माने तो सरकारों को अपनी नाकामी छुपानी नहीं उसे कुबूल करके उसको ठीक करना चाहिए और युद्ध स्तर पर कई ठोस कदम उठाने चाहिए जिससे कि लगातार बढ़ रहे मौतों के आंकड़ों पर लगाम लगाई जा सके. वहीं, अगर ऐसा नही हुआ तो जैसा कि कार्ल विल्हेम शेहेल ने ऑक्सीजन की खोज करने के बाद ऑक्सीजन को "अग्नि वायु" कहा था.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

 

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

गोवा में 25 लोगों की मौत के मामले में सरकार का बड़ा एक्शन, लूथरा ब्रदर्स के क्लब पर चला बुलडोजर, देखें वीडियो
गोवा में 25 लोगों की मौत के मामले में सरकार का बड़ा एक्शन, लूथरा ब्रदर्स के क्लब पर चला बुलडोजर, देखें वीडियो
कौन हैं कथावाचक निधि सारस्वत जो बनेंगी BJP के बड़े नेता के घर की बहू? आज लेंगी सात फेरे
कौन हैं कथावाचक निधि सारस्वत जो बनेंगी BJP के बड़े नेता के घर की बहू? आज लेंगी सात फेरे
IPL 2026 की नीलामी के लिए चुने गए सभी 350 खिलाड़ियों के नाम, ग्रीन-शॉ-सरफराज पहले सेट में
IPL 2026 की नीलामी के लिए चुने गए सभी 350 खिलाड़ियों के नाम, ग्रीन-शॉ-सरफराज पहले सेट में
Dhamaal 4 Release Date: 'धुरंधर 2' से घबराए अजय देवगन! पोस्टपोन की 'धमाल 4', जानें नई रिलीज डेट
'धुरंधर 2' से घबराए अजय देवगन! पोस्टपोन की 'धमाल 4', जानें नई रिलीज डेट
ABP Premium

वीडियोज

क्या Gold अभी भी बढ़ेगा? कब और कैसे करें निवेश, जानिए Nilesh Shah MD, Kotak Mahindra AMC की सलाह|
Chanderi की Real Haunted कहानियां, “Stree” की Shooting Spots का सच, Local Legends, Tourism Boom और Handloom Heroes की Untold Journey
Indian Rice Industry को सबसे बड़ा झटका? Trump का नया Trade Move
Parliament Winter Session : Vande Matram पर Mallikarjuna Kharge की ललकार सुन दंग रह गया विपक्ष
Parliament Session: वंदे मातरम् पर Amit Shah ने युवाओं से कर दिया यज्ञ में आहुति डालने का आवाहन

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
गोवा में 25 लोगों की मौत के मामले में सरकार का बड़ा एक्शन, लूथरा ब्रदर्स के क्लब पर चला बुलडोजर, देखें वीडियो
गोवा में 25 लोगों की मौत के मामले में सरकार का बड़ा एक्शन, लूथरा ब्रदर्स के क्लब पर चला बुलडोजर, देखें वीडियो
कौन हैं कथावाचक निधि सारस्वत जो बनेंगी BJP के बड़े नेता के घर की बहू? आज लेंगी सात फेरे
कौन हैं कथावाचक निधि सारस्वत जो बनेंगी BJP के बड़े नेता के घर की बहू? आज लेंगी सात फेरे
IPL 2026 की नीलामी के लिए चुने गए सभी 350 खिलाड़ियों के नाम, ग्रीन-शॉ-सरफराज पहले सेट में
IPL 2026 की नीलामी के लिए चुने गए सभी 350 खिलाड़ियों के नाम, ग्रीन-शॉ-सरफराज पहले सेट में
Dhamaal 4 Release Date: 'धुरंधर 2' से घबराए अजय देवगन! पोस्टपोन की 'धमाल 4', जानें नई रिलीज डेट
'धुरंधर 2' से घबराए अजय देवगन! पोस्टपोन की 'धमाल 4', जानें नई रिलीज डेट
RTI से वेतन और पेंशन वाले 'खुलासे' पर उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा बयान, 'प्रावधान भी यही है कि…'
RTI से वेतन और पेंशन वाले 'खुलासे' पर उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा बयान, 'प्रावधान भी यही है कि…'
Dhurandhar OTT Release: ओटीटी पर कहां रिलीज होगी धुरंधर, धुरंधर की ओटीटी रिलीज डेट और धुरंधर की ओटीटी डील
ओटीटी पर कहां रिलीज होगी धुरंधर, धुरंधर की ओटीटी रिलीज डेट और धुरंधर की ओटीटी डील
हेल्थ प्लान लेते वक्त लोग जो भूल कर बैठते हैं, वही बाद में परेशानियां देती हैं
हेल्थ प्लान लेते वक्त लोग जो भूल कर बैठते हैं, वही बाद में परेशानियां देती हैं
देश के मेडिकल कॉलेजों में खाली सीटों का खुलासा, जानें कितनी हैं MBBS में खाली सीटें?
देश के मेडिकल कॉलेजों में खाली सीटों का खुलासा, जानें कितनी हैं MBBS में खाली सीटें?
Embed widget