एक्सप्लोरर

मध्य प्रदेश: पीने के पानी को तरस रहे इंसानों से ज्यादा चिंता है पालतू जानवरों की!

योगी आदित्यनाथ तो पहले भी पांच साल तक उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं लेकिन उनके दोबारा गद्दी संभालते ही लगता है कि बीजेपीशासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी उनके नक्शे-कदम पर चलने को ही अपनी हर कामयाबी तक पहुंचने  का राज मान लिया है.मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने फ़ैसला लिया है कि किसी भी पालतू पशु को अब सार्वजनिक जगहों में खुले में छोड़ने पर उसके मालिक को अधिकतम एक हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा.

पालतू पशु तो कोई भी हो सकता है और अक्सर उन्हें अपने दड़बे से बाहर निकालकर खुली हवा में सांस लेने के लिए लोग छोड़ते भी हैं,इसलिये सवाल ये है कि इस कानून के जरिये उन पशुओं पर लगाम कसने की तैयारी है या फिर किसी और सख्ती को लाने की ये शुरुआत है? हर राज्य की सरकार अपने हिसाब से कोई भी कानून बनाने और उसे लागू करने के लिये स्वतंत्र है.लेकिन मध्यप्रदेश के सियासी गलियारों में लोग इसलिये ज्यादा हैरान हैं कि बीच का डेढ साल छोड़ दें,तो शिवराज तो करीब दो दशक से राज्य की सत्ता पर काबिज हैं. फिर उन्हें अब ये कानून बनाने की अचानक याद क्यों व कैसे आ गई?

नहीं, ऐसा नहीं है क्योंकि एक राज्य की कमान संभालने वाला कोई सीएम इतना नादान नहीं होता कि वह अचानक ऐसा फैसला अपने आलाकमान की मर्ज़ी के बगैर ले लेगा.गौर करने लायक शब्द है-पालतू पशु.इसमें गाय,भैंस, बकरी,मुर्गी,कुत्ते से लेकर बिल्ली तक कई पशु आते हैं. लेकिन कोई भी अपने घर में पाले हुए कुत्ते, बिल्ली या खरगोश को बाजार में छुट्टा नहीं छोड़ देता. सिर्फ गाय,भैस या बकरी ही ऐसे पशु हैं, जिन्हें उनके मालिक सुबह चरने के लिए छोड़ देते हैं और सूरज ढलते ही उन्हें वापस लाकर अपने बाड़े में बंद कर देते हैं.सरकार की इस दलील से इनकार नहीं कर सकते हैं कि उसने पालतू पशुओं को शहर के चौराहों या बाजारों में छुट्टा छोड़ने की इस मानसिकता पर रोक लगाने के मकसद से ही ये कानून बनाया है.काफ़ी हद तक इसे सही भी मान सकते हैं लेकिन ये भी नहीं भूलना चाहिए कि सरकार के लिए गये हर फैसले के पीछे उसका कोई सियासी या सामाजिक मकसद भी होता है.

दरअसल, इसकी बारीकियों पर गौर करेंगे, तो पता चलेगा कि मध्यप्रदेश की सरकार योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए फैसलों को लागू करने के शुरुआती चरण में हैं. दो साल पहले जब पूरा देश कोरोना के लॉक डाउन की मार झेल रहा था,तब जून 2020 में तत्कालीन यूपी सरकार की कैबिनेट ने गोहत्या निवारण क़ानून को और अधिक मज़बूत बनाने के मक़सद से उसमें संशोधन के प्रस्ताव को अपनी मंज़ूरी दे दी थी. बाद में 22 अगस्त को विधान सभा का संक्षिप्त सत्र बुलाकर उस अध्यादेश को दोनों सदनों से पारित भी करा लिया गया था.उसके बाद अब यूपी में इस कानून के तहत गाय की हत्या पर 10 साल तक की सज़ा और 3 से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. इसके अलावा गोवंश के अंग भंग करने पर 7 साल की जेल और 3 लाख रुपये तक के जुर्माने तक का प्रावधान है.जबकि दूसरी बार ऐसा होने पर जुर्माना और सज़ा दोनों ही भुगतना पड़ेगा. यही नहीं, दूसरी बार यह अपराध करने पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने और संपत्ति ज़ब्त करने का भी प्रावधान किया गया है.

इस नए कानून को लेकर मध्य प्रदेश के सीएम ऑफिस से किये गए ट्वीट में लिखा गया है-" नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने एक प्रस्ताव देते हुए बताया था कि प्रदेश के तमाम शहरों में सड़कों पर घूमने वाले आवारा मवेशी आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं. सड़कों पर घूमने वाले इन छुट्टा मवेशियों से जान का खतरा भी होने लगा है. आए दिन इन मवेशियों की वजह से हादसे हो रहे हैं. चाहे वो नेशनल हाईवे हों, शहर की दूसरी सड़कें या फिर गलियां हों. हर जगह ये मवेशी ट्रैफिक में बाधा पैदा करते हैं...."

सरकार की इस चिंता पर किसी को भी कोई ऐतराज नहीं होगा.लेकिन हमारा सवाल ये है कि मवेशियों के लिए इतनी फ़िक्रमंद होने वाली सरकार आखिर अपने लोगों को पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए इतनी बेबस,लाचार व असहाय क्यों नज़र आती है? प्रदेश की आर्थिक राजधानी है इंदौर जहां से बुधवार को ही फिरोज खान ने जो रिपोर्ट भेजी है,वो हमें और आपके लिए तो परेशान करने वाली है ही लेकिन उसे पढ़कर सरकार कैसे जागेगी,ये हम भी नहीं जानते.

उन्होंने एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा है-"दरअसल यह तस्वीर किसी सूखाग्रस्त गाँव या किसी रेगिस्तानी इलाके की नहीं है. पानी के डिब्बे लिए लंबी कतार में खड़े ये बच्चे, बूढ़े, जवान इंदौर जिले के गौतमपुरा समीपस्थ ग्राम नोलाना गांव के हैं. यह नजारा यहां अब आम हो चला है. क्योंकि महज़ 2000 लोगों की आबादी वाले इस छोटे से गांव में सरकार की ओर से पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. इस इलाके में यह आलम हर मौसम में रहता है लेकिन गर्मी में यह समस्या और भी ज्यादा विकराल हो जाती है. पूरा गांव पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करता हुआ नजर आता है."

उनके मुताबिक "इस गांव से सिर्फ 150 मीटर की दूरी पर चंबल नदी गुजरती है. परंतु गांव में पीने के पानी की व्यवस्था पिछले कई बरसों से न तो सरकार ने की,न ही क्षेत्र के सांसद ने और न ही स्थानीय विधायक ने.इस गांव में और गांव के आसपास जितने भी बोरिंग करवाए गए हैं, सभी जगह गंदा ओर मैला पानी आता है. जिसे पीना यानी अपनी जान के साथ खिलवाड़ करना है." इसलिये पालतू पशुओं की चिंता करने वाले मुख्यमंत्री को इस सवाल पर नाराज़ नहीं होना चाहिए कि तरक्की की बुलंदी छूने वाले मध्यप्रदेश में लोग पीने के पानी के लिए आज भी इतने मोहताज़ क्यों हैं?

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Weather Forecast: अगले कुछ घंटों में इन राज्यों में हो सकती तूफान के साथ तेज बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट
अगले कुछ घंटों में इन राज्यों में हो सकती तूफान के साथ तेज बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट
48 वोट से जीत वाली सीट पर बढ़ा बवाल, रिपोर्ट में दावा- 'EVM से जुड़ा था रवींद्र वायकर के रिश्तेदार का मोबाइल'
महाराष्ट्र: 48 वोट से जीत वाली सीट पर बढ़ा बवाल, रिपोर्ट में दावा- 'EVM से जुड़ा था रवींद्र वायकर के रिश्तेदार का मोबाइल'
चंदू चैंपियन ने दूसरे दिन की धांसू कमाई, IMDB पर मिली इतनी रेटिंग, कार्तिक आर्यन का चला जादू
चंदू चैंपियन ने दूसरे दिन की धांसू कमाई, IMDB पर मिली इतनी रेटिंग
T20 WC 2024: यह पाकिस्तान क्रिकेट का सबसे निचला स्तर है, इससे नीचे नहीं गिर सकता... पाक ऑलराउंडर ने कह डाली बड़ी बात
यह पाकिस्तान क्रिकेट का सबसे निचला स्तर है, इससे नीचे नहीं गिर सकता... पाक ऑलराउंडर ने कह डाली बड़ी बात
metaverse

वीडियोज

Delhi Water Crisis: दिल्ली में जलबोर्ड दफ्तर में परेशान लोगों ने की तोड़फोड़NEET Row: NEET परीक्षा में धांधली को लेकर विस्फोटक बड़ा खुलासा, आरोपियों का बड़ा कबूलनामाDelhi Water Crisis:  दिल्ली में पानी की किल्लत, लोगों का फूटा गुस्सा | CM KejriwalDelhi Water Crisis: आसमान से बरस रही आग पानी के लिए राजधानी  परेशान है | CM Kejriwal

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Weather Forecast: अगले कुछ घंटों में इन राज्यों में हो सकती तूफान के साथ तेज बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट
अगले कुछ घंटों में इन राज्यों में हो सकती तूफान के साथ तेज बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट
48 वोट से जीत वाली सीट पर बढ़ा बवाल, रिपोर्ट में दावा- 'EVM से जुड़ा था रवींद्र वायकर के रिश्तेदार का मोबाइल'
महाराष्ट्र: 48 वोट से जीत वाली सीट पर बढ़ा बवाल, रिपोर्ट में दावा- 'EVM से जुड़ा था रवींद्र वायकर के रिश्तेदार का मोबाइल'
चंदू चैंपियन ने दूसरे दिन की धांसू कमाई, IMDB पर मिली इतनी रेटिंग, कार्तिक आर्यन का चला जादू
चंदू चैंपियन ने दूसरे दिन की धांसू कमाई, IMDB पर मिली इतनी रेटिंग
T20 WC 2024: यह पाकिस्तान क्रिकेट का सबसे निचला स्तर है, इससे नीचे नहीं गिर सकता... पाक ऑलराउंडर ने कह डाली बड़ी बात
यह पाकिस्तान क्रिकेट का सबसे निचला स्तर है, इससे नीचे नहीं गिर सकता... पाक ऑलराउंडर ने कह डाली बड़ी बात
Nigerian President: इस देश में महंगाई ने तोड़ा 28 साल का रिकॉर्ड, काबू पाने के लिए राष्ट्रपति ने बदल दिया राष्ट्रगान
इस देश में महंगाई ने तोड़ा 28 साल का रिकॉर्ड, काबू पाने के लिए राष्ट्रपति ने बदल दिया राष्ट्रगान
OnePlus ला रहा Nord सीरीज का बेहतरीन फोन, फीचर्स धांसू और बजट में भी रहेगा फिट
OnePlus ला रहा Nord सीरीज का बेहतरीन फोन, फीचर्स धांसू और बजट में भी रहेगा फिट
CSIR UGC NET 2024: सीएसआईआर यूजीसी नेट परीक्षा 2024 की एग्जाम सिटी स्लिप जारी, यहां से कर लें डाउनलोड
सीएसआईआर यूजीसी नेट परीक्षा 2024 की एग्जाम सिटी स्लिप जारी, यहां से कर लें डाउनलोड
Amit Shah Meeting: कश्मीर में आतंकी हमलों के बाद एक्शन में सरकार, अमित शाह कर रहे हाई-लेवल मीटिंग, NSA-सेना प्रमुख भी शामिल
कश्मीर में आतंकी हमलों के बाद एक्शन में सरकार, अमित शाह कर रहे हाई-लेवल मीटिंग, NSA-सेना प्रमुख भी शामिल
Embed widget