एक्सप्लोरर

पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की नौबत आ गई क्या?

पश्चिम बंगाल देश का इकलौता ऐसा प्रांत हैं, जहां पिछले करीब  पांच दशक से राजनीतिक विरोध के चलते खून बहाने का सिलसिला आज भी रुका नहीं है. पहले वामपंथी सरकारों को इस हिंसा के लिए कसूरवार ठहराया जाता था, लेकिन जमीनी राजनीति को बिछाने से लेकर उसे ओढ़ते हुए अपनी अलग पहचान बनाने वाली ममता बनर्जी के राज में भी सियासी रंजिश से पैदा होने वाली इन हत्याओं का क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा है. बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में हुई हिंसा और आगजनी में 8 लोगों के मारे जाने का सच तो जांच के बाद ही सामने आएगा. लेकिन लोकतंत्र के इतिहास में शायद ये पहली ऐसी घटना होगी, जबकि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने इसे लेकर राज्य सरकार की इतने तीखे शब्दों में मजम्मत करते हुए ये कहा है कि पश्चिम बंगाल जंगलराज के हवाले है.

देश की राजनीति को कई दशक से कवर करते आ रहे पत्रकार इससे बखूबी वाकिफ़ होंगे कि देश के प्रधानमंत्री या अन्य केंद्रीय मंत्री विपक्षशासित राज्य में होने वाली ऐसी घटना पर बयान देने से चूकते नहीं हैं, लेकिन संवैधानिक पद पर बैठे राज्यपाल ऐसी किसी भी घटना पर कोई भी ऐसा बयान देने से बचते रहे हैं, जिससे कोई राजनीतिक विवाद न खड़ा हो जाये. लेकिन बंगाल को इसलिये अपवाद माना जाना चाहिए कि वहां के महामहिम राज्यपाल पहले भी कुछ मुद्दों पर प्रदेश की सरकार से अपनी असहमति जता चुके हैं, लेकिन इस बार उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ जिस तल्ख भाषा का इस्तेमाल किया है, उसके राजनीतिक नहीं बल्कि कई तरह के संवैधानिक पहलू हैं, जिसे कोई और समझे या न समझे लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समझने में इतनी अनाड़ी भी नहीं हैं.

कानून के जानकारों के मुताबिक राज्यपाल का दिया गया ये बयान संवैधानिक रुप से केंद्र सरकार के लिए एक कानूनी जमीन तैयार करने वाला है कि राज्य में हिंसा इस कदर बढ़ चुकी है, जिसे काबू कर पाना,राज्य सरकार के बूते से बाहर है. लिहाज़ा वे बीरभूम की इस ताजी घटना समेत बंगाल के चुनाव के दौरान और उसके बाद हुई तमाम हिंसक घटनाओं का ब्यौरा देते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकते हैं, जिसे केंद्र फौरन राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेज देगा. वैसे ममता बनर्जी और राज्यपाल धनखड़ के बीच होने वाली तकरार कोई नई नहीं है, लेकिन इस बार इसका क्या अंज़ाम होने वाला है, ये कोई नहीं जानता. सब जानते हैं कि ममता अपने प्रदेश के राज्यपाल से बेहद चिड़ी हुई हैं औऱ उन्होंने बीरभूम की इस हिंसक घटना के बाद ये तक कह दिया,"यहां एक लाट साहब बैठे हैं और हर बार बयान देते हैं कि पश्चिम बंगाल में हालात खराब हैं."

हालांकि इससे पहले राज्‍यपाल धनखड़ ने मुख्‍यमंत्री ममता को फटकार लगाते हुए कहा था कि यह टकराव के असंवैधानिक रुख पर विचार करने का समय है, ताकि लोकतांत्रिक मूल्‍यों और मानवाधिकारों को बहाल किया जा सके. उनका यह बयान भी ममता बनर्जी के पत्र के जवाब में आया था. ममता बनर्जी ने राज्‍यपाल से अनुचित बयान देने से परहेज करने और प्रशासन को बीरभूम हिंसा की निष्‍पक्ष जांच करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था. लेकिन लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करने वाली सारी संस्थाएं आज तब थोड़ी हैरान हो उठीं,जब उन्होंने बंगाल के राज्यपाल के एक वीडियो ट्वीट को देखा.

दरअसल इससे पहले देश में शायद ही किसी ने ये नज़ारा देखा था कि एक संवैधानिक पद पर बैठा एक शख्स भी किसी राज्य सरकार को इस तरह से कठघरे में खड़ा कर सकता है. लेकिन राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ये कर दिखाया. अपना एक वीडियो ट्वीट करके उन्होंने लिखा कि भयानक हिंसा और आगजनी की घटना संकेत दे रही है कि राज्य हिंसा की संस्कृति और जंगलराज के हवाले है.उन्होंने आगे लिखा कि अब तक आठ लोगों की हत्या हो चुकी है. मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं औऱ  इस मामले को लेकर मैंने चीफ सेक्रेटरी से रिपोर्ट तलब की है. हालांकि इस जघन्य हत्याकांड के मामले की निष्पक्ष जांच को लेकर कोलकाता हाइकोर्ट ने कई निर्देश दिए हैं.जांच अपने रफ्तार से ही होगी और कोई नहीं जानता कि असली कसूरवार शिकंजे में आ भी पाएंगे कि नहीं.लेकिन हमारे देश में ऐसा शायद ही कभी ऐसा होता हो,जब मौत पर सियासत न होती हो. हालांकि इसके लिए किसी एक दल को दोषी भी नहीं ठहरा सकते, क्योंकि ऐसी हर घटना के बाद विपक्ष जी सबसे पहले वहां पहुंचता है.

राज्य बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी कल घटनास्थल का दौरा किया, लेकिन विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस घटना की केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने की मांग उठाते हुए जी कहा है, उसके अपने सियासी मायने भी हैं और इशारे भी. उन्होंने कहा कि" राष्ट्रपति शासन ही एकमात्र समाधान है, पश्चिम बंगाल को बचाने का." इस हिंसक घटना के बहाने अगर राजनीति की बात करें, तो इस वक़्त अकेली ममता ही हैं,जो अगले लोकसभा चुनाव के लिए समूचे विपक्ष को एकजुट करने की झंडाबरदार बनी हुई हैं. हालांकि कांग्रेस के साथ उनकी पटरी फिलहाल बैठ नहीं रही क्योंकि वे खुद पीएम पद की दावेदार बनना चाहती हैं. लेकिन कहते हैं कि राजनीति में कुछ भी निश्चित नहीं होता. इसलिये सवाल है किअगर बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की नौबत आ गई,तब क्या होगा?

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Weather Update: IMD ने दी खुशखबरी, इन राज्यों में पहले आएगा मानसून, दिल्ली-UP में हीटवेव का अलर्ट, जानें कब मिलेगी राहत
IMD ने दी खुशखबरी, इन राज्यों में पहले आएगा मानसून, दिल्ली-UP में हीटवेव का अलर्ट, जानें कब मिलेगी राहत
महाराष्ट्र में NDA को क्यों मिली कम सीटें? रामदास अठावले ने किया ये दावा
महाराष्ट्र में NDA को क्यों मिली कम सीटें? रामदास अठावले ने किया ये दावा
जब भरे सेट पर सोनाली बेंद्रे को मारने के लिए तैयार हो गई थीं ये कोरियोग्राफर, जानें किस्सा
जब भरे सेट पर सोनाली को मारने वाली थीं ये कोरियोग्राफर, जानें किस्सा
T20 WC 2024: यह पाकिस्तान क्रिकेट का सबसे निचला स्तर है, इससे नीचे नहीं गिर सकता... पाक ऑलराउंडर ने कह डाली बड़ी बात
यह पाकिस्तान क्रिकेट का सबसे निचला स्तर है, इससे नीचे नहीं गिर सकता... पाक ऑलराउंडर ने कह डाली बड़ी बात
metaverse

वीडियोज

Sheena Bora Murder Case: शीना बोरा हत्याकांड में आया सनसनीखेज मोड़ | ABP News | Breaking | CBINEET Row: NEET परीक्षा में कैसे की गई घपलेबाजी ? देखिए पूरी रिपोर्ट | ABP News  | BreakingBreaking News: केंद्रीय गृहमंत्री Amit Shah की मौजूदगी में 5.30 घंटे तक चली बैठक | ABP NewsNEET Row: NEET पेपर में गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद क्या बोले छात्र ? | ABP News |  Breaking News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Weather Update: IMD ने दी खुशखबरी, इन राज्यों में पहले आएगा मानसून, दिल्ली-UP में हीटवेव का अलर्ट, जानें कब मिलेगी राहत
IMD ने दी खुशखबरी, इन राज्यों में पहले आएगा मानसून, दिल्ली-UP में हीटवेव का अलर्ट, जानें कब मिलेगी राहत
महाराष्ट्र में NDA को क्यों मिली कम सीटें? रामदास अठावले ने किया ये दावा
महाराष्ट्र में NDA को क्यों मिली कम सीटें? रामदास अठावले ने किया ये दावा
जब भरे सेट पर सोनाली बेंद्रे को मारने के लिए तैयार हो गई थीं ये कोरियोग्राफर, जानें किस्सा
जब भरे सेट पर सोनाली को मारने वाली थीं ये कोरियोग्राफर, जानें किस्सा
T20 WC 2024: यह पाकिस्तान क्रिकेट का सबसे निचला स्तर है, इससे नीचे नहीं गिर सकता... पाक ऑलराउंडर ने कह डाली बड़ी बात
यह पाकिस्तान क्रिकेट का सबसे निचला स्तर है, इससे नीचे नहीं गिर सकता... पाक ऑलराउंडर ने कह डाली बड़ी बात
EVM row: 'ईवीएम को अनलॉक करने के लिए OTP की जरूरत नहीं,' सांसद रवींद्र वायकर की सीट पर छिड़ा बवाल तो चुनाव आयोग ने दी सफाई
'ईवीएम को अनलॉक करने के लिए OTP की जरूरत नहीं,' सांसद रवींद्र वायकर की सीट पर छिड़ा बवाल तो चुनाव आयोग ने दी सफाई
भाजपा के लिए माननीय की भूमिका निभा रहे मोहन भागवत, मजबूती के लिए समीक्षा जरूरी
भाजपा के लिए माननीय की भूमिका निभा रहे मोहन भागवत, मजबूती के लिए समीक्षा जरूरी
खाने के बाद सौंफ खाने के फायदे या नुकसान? जान लें जवाब
खाने के बाद सौंफ खाने के फायदे या नुकसान? जान लें जवाब
Ashadha Month: धार्मिक और सेहत के लिहाज से महत्वपूर्ण है आषाढ़, इस महीने इन देवताओं का रहता है प्रभाव
धार्मिक और सेहत के लिहाज से महत्वपूर्ण है आषाढ़, इस महीने इन देवताओं का रहता है प्रभाव
Embed widget