एक्सप्लोरर

मोदी-जिनपिंग ने मिलकर भी क्यों नहीं की कोई ठोस बात?

भारत और चीन दुनिया के दो ताकतवर पड़ोसी मुल्क हैं लेकिन बाली के G -20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जिस अनमने अंदाज में मुलाकात हुई है,वह दोनों ही देशों के लिए शुभ संकेत नहीं है. मोदी ने 10 राष्ट्राध्यक्षों के साथ औपचारिक बैठक करके द्विपक्षीय संबंधों को लेकर बातचीत की है लेकिन जिनपिंग के साथ ऐसी कोई बैठक न होने का अर्थ है कि करीब ढाई साल पहले दोनों के रिश्तों में पैदा हुई कड़वाहट अभी तक खत्म नहीं हुई है. 

विदेशी कूटनीति के विश्लेषक तो मानते हैं कि मोदी-जिनपिंग के बीच कोई औपचारिक बैठक न होने का मतलब है कि इस कड़वाहट को खत्म करने के लिए दोनों ही तरफ से कोई पहल नहीं करना चाहता और इसकी एक बड़ी वजह अहंकार को भी मान सकते हैं क्योंकि झुकना कोई भी नहीं चाहता. हालांकि द्विपक्षीय संबंधों में आये तनाव को कम करने के लिए दोनों नेताओं के पास बातचीत के लिए ये एक महत्वपूर्ण मंच था. 

बता दें कि इससे पहले पिछले महीने उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुए शंघाई को -आपरेशन शिखर सम्मेलन के दौरान भी मोदी और जिनपिंग के बीच कोई बातचीत नहीं हुई थी.  अप्रैल 2020 में चीनी सेना और भारतीय सेना के बीच हुई झड़प से उपजे गतिरोध के बाद दोनों नेताओं की वह पहली मुलाकात थी. 

दरअसल,विवाद की असली जड़ भारत-चीन के बीच करीब 3500 किलोमीटर लंबी सीमा है,जो तीन सेक्टरों में बंटी हुई है औऱ इनमें से कई स्थानों पर चीन अपना दावा करते हुए घुसपैठ की कोशिश करता रहा है. पश्चिमी सेक्टर यानी जम्मू-कश्मीर में यह सीमा 1597 किलोमीटर की है जबकि मिडिल सैक्टर यानी हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में 545 किलोमीटर लंबी है. उधर,पूर्वी सेक्टर यानी सिक्किम व अरूणाचल प्रदेश में यह लगभग 1346 किलोमीटर है. 

चीन पिछले कई सालों सेअरूणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता आया है. जबकि पश्चिमी सेक्टर में अक्साई चीन पर भारत अपना दावा करता है,जो 1962 से चीन के नियंत्रण में है. चीन मैकमोहन लाइन को भी नहीं मानता है,जो दोनों देशों के बीच भी विवाद की बड़ी वजह है. हालांकि साल 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद शुरुआती तीन सालों में चीन और भारत के संबंध ठीक रहे थे.  मोदी चीन गए और शी जिनपिंग भी भारत आए. लेकिन जून 2017 में डोकलाम और फिर 2020 में गलवान घाटी की हिंसक झड़प के बाद तो दोनों देशों के संबंधों ने कड़वाहट की नई ऊंचाइयां छू लीं. 

डोकलाम की भौगोलिक स्थिति भारत, भूटान और चीन के ट्राई-ज़ंक्शन जैसी है.  डोकलाम एक विवादित पहाड़ी इलाक़ा है जिस पर चीन और भूटान दोनों ही अपना दावा जताते हैं. हालांकि डोकलाम पर भूटान के दावे का भारत समर्थन करता है. जून, 2017 में जब चीन ने यहां सड़क निर्माण का काम शुरू किया तो भारतीय सैनिकों ने उसे रोक दिया था. यहीं से दोनों पक्षों के बीच डोकलाम को लेकर विवाद शुरू हुआ. 
                   
भारत को ये डर है कि अगर भविष्य में संघर्ष की कोई सूरत बनी तो चीनी सैनिक डोकलाम का इस्तेमाल भारत के सिलिगुड़ी कॉरिडोर पर क़ब्ज़े के लिए कर सकते हैं. सिलिगुड़ी कॉरिडोर भारत के नक़्शे में मुर्गी के गर्दन जैसा इलाक़ा है और ये पूर्वोत्तर भारत को बाक़ी भारत से जोड़ता है. हालांकि कुछ विशेषज्ञ इस डर को काल्पनिक मानते हैं. हफ़्तों तक चली कूटनीतिक कसरतों के बाद 73 दिनों तक चला विवाद आख़िरकार सुलझ गया था.  

भारतीय सैनिक वापस बुला लिए गए थे. लेकिन चीन अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आया और जून 2020 में उसने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में घुसपैठ की कोशिश की जिसे भारतीय सैनिकों ने नाकाम कर दिया. भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी.  इसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे. जबकि चीन के 38 सैनिकों की मौत हुई थी. 

चीनी मामलों के जानकार प्रोफ़ेसर जबिन टी जैकब का मानना है कि साल 2012 में सत्ता में आने के बाद शी जिनपिंग ने भारत से बातचीत में भले ही सकारात्मक रवैया अपनाया था लेकिन ज़मीन पर उनका असर कभी नहीं दिखा. इसलिये कि चीन ने अपने एजेंडे में कोई परिवर्तन नहीं किया. इसका उदाहरण देते हुए वे कहते हैं, राष्ट्रपति शी जिनपिंग सितंबर 2014 में भारत आए थे.  उस समय भी पूर्वी लद्दाख़ के चुमर सेक्टर में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की थी जिसे लेकर तनाव बन गया था. उनके मुताबिक भारत को लेकर चीन की नीति में एक साफ़ पैटर्न झलकता है और वही पैटर्न डोकलाम (2017) और गलवान (2020) में भी दिखता है. 

डोकलाम में 73 दिनों तक चला गतिरोध तो ख़त्म हो गया लेकिन ठीक उसके बग़ल में चीन ने इन्फ़्रास्ट्रक्चर बना दिया और वो जगह अब पूरी तरह चीन के नियंत्रण में आ चुकी है.  हालांकि हमारी सरकार इस बात को सार्वजनिक तौर पर नहीं मानती है. गलवान तो सिर्फ़ एक बिंदु है लेकिन सच्चाई यह है कि एलएसी पर ऐसी कई जगहें हैं जहां चीनी सैनिकों ने घुसपैठ कर रखी है. 

विदेश नीति के कुछ अन्य जानकर मानते हैं कि भारत-चीन का संबंध शुरू से ही सवालों के घेरे में था. हमने बेशक उस पर भरोसा किया लेकिन उसने अपनी पुरानी आदत नहीं छोड़ी. दोनों के बीच तनाव का एक कारण और है.  जिस तरह भारत का अमेरिका के क़रीब जाना चीन को नागवार गुज़र रहा है, उसी तरह दक्षिण चीन सागर और सीपेक (चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर) के कारण भारत की चिंताएं बढ़ी हैं. सीपेक का कई हिस्सा पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर यानी पीओके से होकर गुज़रता है जिसे भारत अपना क्षेत्र मानता है. 

लेकिन पिछले पाँच साल में क्वाड (क्वाड्रीलेटरल सुरक्षा समूह जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं) और ऑकस (अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच सुरक्षा साझेदारी को लेकर एक समझौता) के कारण भी भारत और चीन की दूरियां और बढ़ी हैं. 

विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत अगर अमेरिका के क़रीब जाता हुआ दिखता है,तो चीन को उससे परेशानी होती है. चीन, अमेरिका को अपना सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी मानता है और इसलिए कोई भी अगर अमेरिका के क़रीब जाएगा,तो चीन को उससे दिक़्क़त होगी.

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

'जंग रुकवाने के लिए नहीं, भारत-रूस को करीब...', अपने ही देश में घिरे शांति के लिए नोबेल मांगने वाले डोनाल्ड ट्रंप
'जंग रुकवाने के लिए नहीं, भारत-रूस को करीब...', अपने ही देश में घिरे नोबेल मांगने वाले ट्रंप!
'बिहार में NDA जीता, लोकतंत्र हारा', चुनावी नतीजों समेत कई मुद्दों पर खुलकर बोले तेजस्वी यादव
'बिहार में NDA जीता, लोकतंत्र हारा', चुनावी नतीजों समेत कई मुद्दों पर खुलकर बोले तेजस्वी यादव
कुलदीप यादव ने तोड़ दिया दिग्गज अनिल कुंबले का रिकॉर्ड, बन गए ऐसा करने वाले भारत के तीसरे गेंदबाज
कुलदीप यादव ने तोड़ दिया दिग्गज अनिल कुंबले का रिकॉर्ड, बन गए ऐसा करने वाले भारत के तीसरे गेंदबाज
एक साल में दी थी 14 हिट, लेते थे अमिताभ बच्चन से भी ज्यादा फीस, आज हैं 1650 करोड़ के मालिक
एक साल में दी थी 14 हिट, लेते थे अमिताभ बच्चन से भी ज्यादा फीस, आज हैं 1650 करोड़ के मालिक
ABP Premium

वीडियोज

Indigo Flight News: हवाई टिकटों के मनमाने किराए पर क्या है सरकार का एक्शन ? | abp News
Khabar Filmy Hain : Bollywood सितारें नजर आए फ़ैशन  गोल्स में,  सभी अलग- अलग अंदाज़ में दिखे
Saas Bahu Aur Saazish: मैं तुलसी से प्यार करता हूं Noinaका दिल हुआ चकनाचूर
IPO Alert: Wakefit Innovations IPO में Invest करने से पहले जानें GMP, Price Band| Paisa Live
Indigo Flight News:  इंडिगो की गड़बड़ी से रुका गायिका उषा उत्थुप का मेगा शो|  Flight Cancellation

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'जंग रुकवाने के लिए नहीं, भारत-रूस को करीब...', अपने ही देश में घिरे शांति के लिए नोबेल मांगने वाले डोनाल्ड ट्रंप
'जंग रुकवाने के लिए नहीं, भारत-रूस को करीब...', अपने ही देश में घिरे नोबेल मांगने वाले ट्रंप!
'बिहार में NDA जीता, लोकतंत्र हारा', चुनावी नतीजों समेत कई मुद्दों पर खुलकर बोले तेजस्वी यादव
'बिहार में NDA जीता, लोकतंत्र हारा', चुनावी नतीजों समेत कई मुद्दों पर खुलकर बोले तेजस्वी यादव
कुलदीप यादव ने तोड़ दिया दिग्गज अनिल कुंबले का रिकॉर्ड, बन गए ऐसा करने वाले भारत के तीसरे गेंदबाज
कुलदीप यादव ने तोड़ दिया दिग्गज अनिल कुंबले का रिकॉर्ड, बन गए ऐसा करने वाले भारत के तीसरे गेंदबाज
एक साल में दी थी 14 हिट, लेते थे अमिताभ बच्चन से भी ज्यादा फीस, आज हैं 1650 करोड़ के मालिक
एक साल में दी थी 14 हिट, लेते थे अमिताभ बच्चन से भी ज्यादा फीस, आज हैं 1650 करोड़ के मालिक
कांग्रेस में रहेंगे या छोड़ देंगे? पुतिन के साथ डिनर करने के बाद शशि थरूर ने दिया ये जवाब
कांग्रेस में रहेंगे या छोड़ देंगे? पुतिन के साथ डिनर करने के बाद शशि थरूर ने दिया ये जवाब
500KM की दूरी का 7500 रुपये... इंडिगो संकट के बीच सरकार का बड़ा फैसला, मनमाना किराया वसूली पर रोक
500KM की दूरी का ₹7500... इंडिगो संकट के बीच सरकार का बड़ा फैसला, मनमाना किराया वसूली पर रोक
ठंड में बच्चों को जरूरत से ज्यादा कपड़े तो नहीं पहनाते हैं आप, ओवर ड्रेसिंग से रुक सकती है उनकी ग्रोथ
ठंड में बच्चों को जरूरत से ज्यादा कपड़े तो नहीं पहनाते हैं आप, ओवर ड्रेसिंग से रुक सकती है उनकी ग्रोथ
पासपोर्ट वेरिफिकेशन की टेंशन खत्म, अब DigiLocker से हो जाएगा ये काम
पासपोर्ट वेरिफिकेशन की टेंशन खत्म, अब DigiLocker से हो जाएगा ये काम
Embed widget