एक्सप्लोरर

कोरोना का ये नया 'अवतार' क्रिसमस और नये साल के जश्न का 'विलेन' न बन जाये?

कोरोना के नए अवतार ओमिक्रॉन के भारत में दस्तक देते ही दिल्ली से लेकर बाकी राज्यों के लोगो की जुबान पर एक ही सवाल है कि क्या फिर से लॉक डाउन झेलना पड़ेगा? हालांकि, इस सवाल का जवाब फिलहाल न तो केन्द्र के पास है और न ही राज्य सरकारों के पास क्योंकि इसका फैसला महामारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर ही लिया जाता है. वैसे  वैज्ञानिक तो दक्षिण अफ्रीका के अलावा दुनिया के अन्य देशों की बाकी बहुत सारी बातों को ध्यान में रखते हुए यही कह रहे हैं कि वे अभी इस नतीजे पर नहीं पहुंचें हैं कि ये नया अवतार कितना खतरनाक रूप ले सकता है, लेकिन इस एक महत्वपूर्ण बात पर वे सभी सहमत हैं कि इसे हल्के में लेने की ग़लती किसी भी देश को भूले से भी नहीं करनी चाहिए.

विशेषज्ञ बार-बार दोहरा रहे हैं कि भारत के लिए फिलहाल डरने जैसी कोई बात नहीं है लेकिन इस सच को आखिर कैसे झुठला सकते हैं कि कोरोना का ये नया वेरिएंट बेहद तेजी से लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है और इसने भारत में महज पांच दिनों में पौने पांच सौ फीसदी की दर से नये लोगों को अपना शिकार बनाया है.वे भी उन्हें जो इस वायरस से लड़ने के लिए बनी वैक्सीन की दो डोज़ ले चुके हैं. बेशक ओमिक्रॉन से संक्रमित किसी व्यक्ति की मौत होने की कोई खबर भारत में फिलहाल सामने नहीं आई है. लेकिन ये स्थिति बेफ़िक्र होने की नहीं बल्कि वैसी ही सावधानी बरतने के लिए सचेत कर रही है,जो कोरोना की पहली लहर के दौरान लोगों ने दिखाई थी. उसके कमजोर पड़ते ही देश में समझदार लोगों की भी लापरवाही का जो आलम रहा था, उसका अंज़ाम दूसरी लहर ने सबको दिखा दिया और न जाने कितनों को अपने सगों से छीन भी लिया.

लिहाज़ा, देश में जो लोग ये सोच रहे हैं कि कोरोना वायरस चला गया है और ओमिक्रॉन स्वरुप का भी हम पर असर इसलिये नहीं होने वाला है कि उसने अभी तक आबादी के बड़े हिस्से को तो अपना शिकार बनाया ही नहीं, लिहाज़ा इससे भला क्यों डरा जाये. ये सोच फिलहाल तो सही दिखती है लेकिन आने वाले दिनों में इसमें कितना बदलाव आने वाला है, ये भविष्यवाणी करने की हिम्मत दुनिया के बड़े से बड़े वैज्ञानिक भी नहीं जुटा पा रहे हैं. लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO बहुत संभलकर जो चेतावनी दे रहा है,उसके बेहद गहरे मायने हैं क्योंकि वो दुनिया के देशों में अफ़रातफ़री का माहौल नहीं बनाना चाहता, इसलिये वह तमाम प्रभावित देशों के साथ ही दूसरे मुल्कों को भी प्रीकॉशन लेने यानी सावधानी बरतने की हिदायत दे रहा है कि इसे हल्के में लेने की गलती भूलकर भी मत कीजिये.

वैसे दुनिया के कई वैज्ञानिकों का मानना है कि कोविड 19 एक ऐसा वायरस है,जो अगले न मालूम कितने सालों तक हर बार कोई नया रुप लेकर हमें परेशान करता रहेगा, लिहाज़ा इससे बचने के लिए अभी तक जितनी भी वैक्सीन ईजाद हुई हैं,वे सिर्फ प्री काशनरी है,जो इस वायरस को पूरी तरह जड़ से ख़त्म करने का अचूक इलाज नहीं है.

ऐसी हालत में देश के पांच राज्यों में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को लेकर अगर किसी भी तरह की लापरवाही लोगों की तरफ से दिखाई दे,तो उसे अनजाने में हुई गलती नहीं बल्कि अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना ही कहा जायेगा. हालांकि, संतोषजनक बात ये है कि कोरोना की दूसरी लहर में आये खतरनाक थपेड़ों को झेलने वाली हमारे कई राज्यों की सरकारों ने उससे सबक लिया है. इस बार  वे किसी तीसरी लहर का सामना करने के लिए बेहद मुस्तैद व हर लिहाज से चाकचौबंद होने का दावा कर रही हैं,जिस पर शक भी नहीं किया जा सकता.
लेकिन ओमिक्रॉन के सामने आने के बाद से पूरी दुनिया में जो हलचल मची हुई है और जिस तरह से कई देशों ने कोरोना से बचाव संबंधी नियमों में फिर से सख्ती बरती है और यात्रा प्रतिबंध लगाए हैं,उसे देखते हुए कोई भी वैज्ञानिक ये दावा नहीं कर सकता कि 137 करोड़ की आबादी वाले भारत में इसका कोई असर नहीं होगा.

हक़ीक़त तो ये है कि उसने अपना खेल दिखाना शुरु कर दिया है.महाराष्ट्र में ओमिक्रोन से संक्रमितों की संख्या 10 हो गई है और देशभर में अब तक 23 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है. देश की आबादी के लिहाज से ये आंकड़ा बेहद मामूली है लेकिन वैज्ञानिक ये मान रहे हैं कि इसका एक भी केस सामने आना खतरे की बड़ी घंटी है क्योंकि ये पिछले वायरस डेल्टा के मुकाबले कई गुना ज्यादा ताकतवर है और उसी हिसाब से ये संक्रमण फैला रहा है.

लिहाज़ा, बड़ा सवाल ये है कि इससे बचने के लिए हम क्या कर सकते हैं ? इस बारे में दुनिया के तमाम वैज्ञानिक यही कहते हैं कि ओमिक्रॉन से बचाव को लेकर भी हमारे पास वही तरीक़े हैं जो दूसरे वेरिएंट्स के लिए हैं. यानी वैक्सीन, मास्क, दूरी बनाए रखना और बंद कमरों में वेंटिलेशन.इससे आप वायरस के कम से कम संपर्क में आएंगे और उसका फैलाव कम हो जाएगा. वहीं, ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को वैक्सीनेट करने से वायरस के लिए नए म्यूटेशन के मौक़े भी सीमित हो जाएंगे. पिछले दो साल में कोविड वायरस पर रिसर्च कर चुके वैज्ञानिकों के मुताबिक," हमे लगा था कि डेल्टा वेरिएंट के बाद 'वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न' वाले नए वेरिएंट का आना मुश्किल होगा लेकिन ओमिक्रॉन ने हमें हैरान कर दिया है.

इस ओमिक्रॉन ने दुनिया के कई देशों में क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने की तैयारी किये बैठे लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. अगर हमारे देश में भी लोगों को इस जश्न का लुत्फ उठाना है,तो कोविड नियमों की हर एहतियात पर सख्ती से अमल यो अभी से ही करना होगा.

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India-Pakistan Relations: कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
Hardik Pandya Divorce: हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
metaverse

वीडियोज

PM Modi On ABP: स्वार्थी लोगों ने ब्रह्मोस का एक्सपोर्ट रोका-पीएम मोदी का बड़ा बयान | Loksabha PollsLoksabha Election 2024: मोदी की आध्यात्म यात्रा..'हैट्रिक' का सार छिपा ? | ABP NewsPM Modi On ABP: 2024 चुनाव के नतीजों से पहले पीएम मोदी का फाइनल इंटरव्यू | Loksabha ElectionPM Modi On ABP: पीएम मोदी से पहली बार जानिए- किस विपक्षी नेता के वे पैर छूते थे | Loksabha Election

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India-Pakistan Relations: कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
Hardik Pandya Divorce: हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
'जवान', 'पठान' या 'एनिमल' नहीं, इस फिल्म को 2023 में हुआ सबसे ज्यादा मुनाफा! यहां देखें टॉप 5 की लिस्ट
'जवान', 'पठान' या 'एनिमल' नहीं, इस फिल्म को 2023 में हुआ खूब मुनाफा!
वैक्सीन बनाने वालों को कम से कम कितनी सैलरी देता है सीरम इंस्टिट्यूट? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश
वैक्सीन बनाने वालों को कम से कम कितनी सैलरी देता है सीरम इंस्टिट्यूट? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश
शरीर में है B12 की कमी तो कुछ ऐसे दिखते हैं लक्षण, जानें एक सेहतमंद व्यक्ति में कितना होना चाहिए लेवल?
शरीर में है B12 की कमी तो कुछ ऐसे दिखते हैं लक्षण, जानें एक सेहतमंद व्यक्ति में कितना होना चाहिए लेवल?
टूरिज्म में आया उछाल, 119 देशों की सूची में 39वें स्थान पर आया भारत, क्या हैं इसके संकेत
टूरिज्म में आया उछाल, 119 देशों की सूची में 39वें स्थान पर आया भारत, क्या हैं इसके संकेत
Embed widget