एक्सप्लोरर

पैगंबर मोहम्मद के बाद मां "काली" का अपमान करके कौन भड़का रहा है नफ़रत?

हमें अपने संविधान (Constitution) ने बोलने, लिखने या उसका फिल्मांकन करने की पूरी आजादी दे रखी है लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि हमें किसी अन्य धर्म का अपमान करने की करने की कोई छूट मिली हुई है . फिर भले ही पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) की शान में अपमान करने वाला कोई बयान दे या फिर हिंदुओं की आराध्य देवी मां काली (kali) को अपनी किसी फिल्म में उन्हें सिगरेट (Cigarette) पीते हुए दिखाए. क़ानून की कसौटी पर दोनों ही जुर्म हैं लेकिन फर्क बस इतना है कि एक भारत (India) में हुआ है, जबकि दूसरा कनाडा (Canada) में हुआ है.

लेकिन भारत के जागरुक नागरिक होने के नाते हमें ये भी सोचना होगा कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है और वो कौन-सी ताकतें है, जो दो मजहबों में नफ़रत का जहर फैलाने में इतनी मुस्तेदी से जुटी हुई हैं. चेहरे अलग हो सकते हैं लेक़िन मकसद सिर्फ़ एक ही है कि नफ़रत की इस ज्वाला को शोला आखिर कैसे बनाया जाए. हालांकि देश का हर वो नागरिक जो इंसानियत पर अपना यकीन रखता है, वो इस ज्वाला को कभी भड़कने नहीं देगा.

लीना मणिमेकलाई की फिल्मों पर पहले भी हुआ है विवाद
दरअसल, तमिलनाडु में जन्मी लीना मणिमेकलाई (Leena Manimekalai) पिछले कुछ बरसों से कनाडा में रहकर पढ़ाई करते हुए कुछ ऐसी डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म बना रही हैं, जिस पर विवाद होता आया है. हो सकता है कि अपनी ताजा फ़िल्म "काली" (KAALI) के जरिए दुनिया में शोहरत बटोरना ही उनका मकसद रहा हो. लेकिन इस बार उन्होंने उन सीमाओं को लांघ दिया है. इसलिए कनाडा से लेकर भारत तक "काली" पर न सिर्फ रोक लगाने की मांग की जा रही है, बल्कि इस डॉक्यूमेंट्री (Documentary) फ़िल्म को बनाने वाली लीना को गिरफ़्तार करने की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर बाढ़ भी आ गई है.

विवाद की जड़ बना फिल्म का पोस्टर
कनाडा से लेकर भारत तक सारे फसाद की जड़ है वो पोस्टर, जिसे "काली" फ़िल्म की निर्देशिका लीना मणिमेकलाई ने शनिवार को ट्वीट किया और कहा था कि ये एक परफार्मेंस डॉक्यूमेन्टरी है. इस पोस्टर में हिंदुओं की आराध्य देवी मां काली की वेशभूषा में एक महिला को  सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है और वही पोस्टर टोरंटो (Toronto) में लगे हुए थे.

मां काली का अपमान करने वाला ये पोस्टर देखकर टोरंटों में रह रहे भारतीयों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने इस पर रोक लगाने की मांग करते हुए इसकी लिखित शिकायत भारतीय उच्चायोग को भी दी.

चूंकि ये मामला संवेदनशील होने के साथ ही दो समुदायों के लोगों को भड़काने का भी नजर आ रहा था, लिहाजा ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission) ने इस पर अपना तीखा विरोध जताने में जरा भी देर नही लगाई.

भारतीय उच्चायोग ने जारी किया बयान
उच्चायोग ने एक बयान जारी कर कहा, "हमें कनाडा के हिंदू समुदाय के नेताओं की ओर से एक फिल्म के पोस्टर पर देवी-देवताओं के अपमानजनक प्रस्तुतीकरण को लेकर शिकायत मिली है जो टोरंटो के आगा ख़ान म्यूज़ियम के 'अंडर द टेंट प्रोजेक्ट' का हिस्सा है. "टोरंटो में मौजूद हमारे काउंसुलेट जनरल ने इवेंट के आयोजकों को इन चिंताओं से वाकिफ़ करा दिया है. हमें ये भी जानकारी मिली है कि कई हिंदू समूहों ने कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर कनाडा में प्रशासन से संपर्क किया है. हम कनाडा की सरकार और इवेंट के आयोजकों से ऐसी भड़काने वाली चीज़ें वापस लेने की अपील करते हैं."

इस विवादित डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म (Documentary Film) की थीम चाहे जो हो, लेकिन एक बात साफ है कि ये हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का एक सोचा-समझा प्रयास है. पिछले सात दशकों में इस देश के हर फिल्ममेकर ने अपनी फ़िल्म बनाते वक्त पैसा व शोहरत कमाने के साथ ही ये भी ख्याल रखा है कि उससे समाज में किसी भी तरह से नफ़रत का बीज न बोया जाए.

कनाडा के टोरंटो में फ़िल्म की पढ़ाई कर रही है लीना
लेकिन हमारे देश में अपनी प्राचीन भाषा संस्कृत को सबसे ज्यादा समझने, पढ़ने और उसे सम्मान देने वाले राज्य तमिलनाडु (Tamil Nadu) में जन्मीं लीना मणिमेकलाई को आखिर ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने फ़िल्म की पढ़ाई करते हुए अपनी ही संस्कृति पर ऐसा तमाचा जड़ दिया, जिसे शायद ही कोई हिंदू बर्दाश्त कर पाए. बताते हैं कि लीना फिलहाल कनाडा के टोरंटो में फ़िल्म की पढ़ाई कर रही हैं और वो उन 18 ग्रेजुएट छात्रों में से एक हैं जिन्हें टोरंटो मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी (Toronto Metropolitan University) ने बहुसंस्कृतिवाद पर काम करने के लिए चुना है.

कोई हिंदू नहीं स्वीकारेगा लीना का तर्क
हालांकि अपनी फिल्म को लेकर मणिमेकलाई के दिए जा रहे तर्क को शायद ही देश में कोई हिंदू स्वीकारेगा. लेकिन उनका कहना है कि "मैं काली की तरह भेष बना कर टोरंटो की गलियों में घूमती हूं और फ़िल्म में इसी को 'शूट' किया गया है. आगे वो कहती हैं, "मेरी फ़िल्म में 'काली' मेरी आत्मा को चुनती हैं. इसके बाद वो एक हाथ में प्राइड फ्लैग और एक हाथ में कैमरा लेती हैं और देश के मूल निवासियों, अफ्रीकी, एशियाई, फारसी मूल के लोगों से मिलती हैं. कनाडा की इस छोटी सी दुनिया में रहने वाले यहूदी, ईसाई, मुसलमान धर्मों के लोगों से भी वो मुलाकात करती हैं."

सिगरेट पीती हुई देवी के पोस्टर को लेकर वे अंतरराष्ट्रीय मीडिया में अपनी सफाई ये दे रही हैं कि पोस्टर में जो तस्वीर है वो देवी के प्यार को दर्शाता है. वो कहती हैं, "इसमें केनसिंगटन मार्केट के पास सड़क पर रहने वाले एक सिंगर मज़दूर की दी हुई सिगरेट को भी वो देवी स्वीकार करती हैं." अपने पक्ष में उनकी एक दलील ये भी है कि " दक्षिण भारत के गांवों के कुछ ख़ास त्योहारों पर लोग काली की तरह भेष धारण कर शराब पीते हैं और नाचते हैं." बेशक उनका ये तर्क वाजिब हो सकता है क्योंकि सिर्फ दक्षिण में ही नहीं बल्कि उत्तर भारत के कुछ राज्यों में भी आदिवासी बहुल इलाकों में भी ये नजारा देखने को मिल जाता है.

धार्मिक भावानाएं भड़काने का मामला
लेकिन सवाल फिर वही उठता है कि किसी खास इलाके की सदियों पुरानी रुढ़िवादी मान्यता को अगर आप जानबूझकर अपनी किसी फिल्म के जरिए महिमामंडित करते हैं, तो उसे भारत या विदेशों में रह रहे बहुसंख्यक हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना ही माना जाएगा. हम नहीं जानते कि कनाडा में इसके लिए क्या कानून बना हुआ है लेकिन भारत के कानूनी लिहाज से ये धार्मिक भावनाएं भड़काने का वैसा ही मामला बनता है, जो बीजेपी की निलंबित नेता नुपूर शर्मा के खिलाफ दर्ज हुआ है.

लेकिन ये पहली बार नहीं है, जब मणिमेकलाई ने अपनी फ़िल्मों में हिंदु धर्म (Religion) की देवियों को दिखाकर उनका अपमान करने की हिम्मत की हो.वे ये सब प्रयोग पहले भी करती रही हैं. ये अलग बात है कि तब न लोगों का ध्यान इस तरफ गया और न ही किसी ने उसे इतनी तवज्जो ही दी. साल 2007 में उनकी डॉक्यूमेन्ट्री फ़िल्म 'गॉडेसेस' को मुंबई और म्युनिख़ फ़िल्म फ़ेस्टिवल (Munich Film Festival) में दिखाया गया था. इसके बाद 2019 में उनकी फ़िल्म 'मादाती- एन अनफ़ेयरी टेल' में एक दलित लड़की को देवी के तौर पर पूजा करने की काल्पनिक कहानी के तौर पर भी दिखाया गया था लेकिन तब किसी ने भी उनकी बनाई ऐसी फिल्मों (Movies) की तरफ न कोई ध्यान दिया और न ही कोई झमेला ही खड़ा हुआ.

वो कहती हैं, "डर के माहौल के कारण हम कलाकारों का दम नहीं घुटना चाहिए, बल्कि हमें अपनी आवाज़ और बुलंद करनी होगी."

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

Goa Nightclub Fire: गोवा नाइट क्लब हादसे में 25 की मौत, PM मोदी ने किया मुआवजे का ऐलान, घटना पर जताया दुख
गोवा नाइट क्लब हादसे में 25 की मौत, PM मोदी ने किया मुआवजे का ऐलान, घटना पर जताया दुख
'बाबर के नाम से कोई मस्जिद नहीं बननी चाहिए', बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी का बयान
'बाबर के नाम से कोई मस्जिद नहीं बननी चाहिए', बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी का बयान
Dhurandhar BO Day 2: धुरंधर ने दो दिन में ही बॉक्स ऑफिस पर तूफान ला दिया, रणवीर सिंह की फिल्म की 50 Cr क्लब में एंट्री, बनाया ये रिकॉर्ड
धुरंधर ने दो दिन में ही बॉक्स ऑफिस पर तूफान ला दिया, रणवीर सिंह की फिल्म की 50 Cr क्लब में एंट्री, बनाया ये रिकॉर्ड
दक्षिण अफ्रीका से ODI सीरीज जीतने के बाद विराट कोहली का खास बयान, कहा- मैंने 2-3 साल...
दक्षिण अफ्रीका से ODI सीरीज जीतने के बाद विराट कोहली का खास बयान, कहा- मैंने 2-3 साल...
ABP Premium

वीडियोज

Goa Nightclub Fire: गोवा के नाइट क्लब में भीषण हादसा, मृतकों के परिवार को सरकार देगी 2 लाखका मुआल्
Goa Nightclub Fire: गोवा के नाइट क्लब में भीषण हादसा, बढ़ा हादसे में मरने वालों की संख्या
Renuka Chowdhury: डॉग विवाद पर रेणुका चौधरी ने दिया सीधा और सख्त जवाब | Charcha With Chitra
पति के अफेयर की प्राण घातक बीवी ! | Sansani | Crime News
Babri Masjid: 6 दिसंबर...बाबरी मस्जिद को लेकर नया बवंडर! | TMC | Indigo Flight | Indigo Crisis

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Goa Nightclub Fire: गोवा नाइट क्लब हादसे में 25 की मौत, PM मोदी ने किया मुआवजे का ऐलान, घटना पर जताया दुख
गोवा नाइट क्लब हादसे में 25 की मौत, PM मोदी ने किया मुआवजे का ऐलान, घटना पर जताया दुख
'बाबर के नाम से कोई मस्जिद नहीं बननी चाहिए', बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी का बयान
'बाबर के नाम से कोई मस्जिद नहीं बननी चाहिए', बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी का बयान
Dhurandhar BO Day 2: धुरंधर ने दो दिन में ही बॉक्स ऑफिस पर तूफान ला दिया, रणवीर सिंह की फिल्म की 50 Cr क्लब में एंट्री, बनाया ये रिकॉर्ड
धुरंधर ने दो दिन में ही बॉक्स ऑफिस पर तूफान ला दिया, रणवीर सिंह की फिल्म की 50 Cr क्लब में एंट्री, बनाया ये रिकॉर्ड
दक्षिण अफ्रीका से ODI सीरीज जीतने के बाद विराट कोहली का खास बयान, कहा- मैंने 2-3 साल...
दक्षिण अफ्रीका से ODI सीरीज जीतने के बाद विराट कोहली का खास बयान, कहा- मैंने 2-3 साल...
स्पेशल 26 स्टाइल में उड़ाया करोड़ों का सोना, दिल्ली पुलिस ने 72 घंटे में 5 लोग किए गिरफ्तार
स्पेशल 26 स्टाइल में उड़ाया करोड़ों का सोना, दिल्ली पुलिस ने 72 घंटे में 5 लोग किए गिरफ्तार
500KM की दूरी का 7500 रुपये... इंडिगो संकट के बीच सरकार का बड़ा फैसला, मनमाना किराया वसूली पर रोक
500KM की दूरी का ₹7500... इंडिगो संकट के बीच सरकार का बड़ा फैसला, मनमाना किराया वसूली पर रोक
जॉब पर समय से पहले आना पड़ा भारी, परेशान बॉस ने नौकरी से निकाला- अब अदालत पहुंची महिला, यूजर्स हैरान
जॉब पर समय से पहले आना पड़ा भारी, परेशान बॉस ने नौकरी से निकाला- अब अदालत पहुंची महिला, यूजर्स हैरान
टोल प्लाजा से इतनी दूर है आपका घर तो नहीं देने होंगे पैसे, ये वाला नियम जानते हैं आप?
टोल प्लाजा से इतनी दूर है आपका घर तो नहीं देने होंगे पैसे, ये वाला नियम जानते हैं आप?
Embed widget