मोबाइल फोन पर कस्टम ड्यूटी बढ़कर 20%, जानें कितना महंगा होगा मोबाइल फोन खरीदना
ये कदम मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने वाला साबित हो सकता है. क्योंकि इससे घरेलू मैन्युफैक्चरर्स को फायदा मिलेगा.
नई दिल्लीः क्या आप जानते हैं कि आपको मोबाइल फोन खरीदने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे. इस बजट में घरेलू इलेक्ट्रोनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में लोकल प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोबाइल फोन पर कस्टम ड्यूटी को मौजूदा 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने की घोषणा कर दी है.
संसद में आम बजट 2018-19 पेश करते हुए जेटली ने कहा कि वे कस्टम ड्यूटी में कमी करने के सामान्य रास्ते से ‘‘सोच समझ कर हट’ रहे हैं. उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग, वाहनों के स्पेयर पार्ट्स और फुटवियर जैसे क्षेत्रों में घरेलू प्रोडक्शन की व्यापक गुंजाइश को देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘इन क्षेत्रों में मेक इन इंडिया को और प्रोत्साहित करने के लिए, मैं कुछ उत्पादों पर सीमा शुल्क बढाने का प्रस्ताव करता हूं मैं मोबाइल फोनों पर सीमा शुल्क को 15 से बढ़ाकर 20 फीसदी करने का प्रस्ताव करता हूं. वहीं इसके अन्य पार्ट्स व उपकरणों के लिए कस्टम ड्यूटी को बढ़ाकर 15 फीसदी किया जा रहा है.’ जेटली ने कहा कि इससे देश में और नौकरियों को पैदा करने को बल मिलेगा.
एक्सपर्ट के मुताबिक कीमतों में नहीं आएगा ज्यादा बदलाव इंडियन सेल्यूलर एसोसिएशन आईसीए के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज महिंद्रू ने इस पर कहा कि यह इंपोर्ट के लिए ताबूत में अंतिम कील साबित होगा. उन्होंने कहा कि हम ऐसी स्थिति की ओर बढ़ रहे है. जहां आयात लगभग असंभव हो जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि मोबाइल फोन का 81 फीसदी हिस्सा और 84.5 फीसदी एसेंबलिंग देश में ही होने लगा है इस लिए इसकी कीमतों में बदलाव नहीं आएगा.
ये कदम मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने वाला साबित हो सकता है. क्योंकि इससे घरेलू मैन्युफैक्चरर्स को फायदा मिलेगा. घरेलू कंपनियो जैसे माइक्रोमैक्स, इंटेक्स के स्मार्टफोन सस्ते होंगे और एपल, सैमसंग, ओपो जैसी कंपनियों के स्मार्टफोन मंहगे होंगे. ऐसे में अगर आप एपल या इन कंपनियों में से किसी का कोई नया प्रोडक्ट खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको अब ज्यादा पैसे देने होंगे.
इसी तरह स्मार्ट घड़ियों और पहनने वाले इलेक्ट्रानिक उपकरण जैसे स्मार्ट वॉच पर भी इंपोर्ट ड्यूटी की दर दोगुना बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गयी है. वहीं मोबाइल फोन के विशिष्ट हिस्से पुर्जों और एसेसरीज पर शुल्क मौजूदा 7.5-10 फीसदी की तुलना में 15 कर दिया गया है.
देश में एसेंबल होने लगे हैं ज्यादातर फोन हालांकि पिछले काफी समय से फोन कंपनियों ने अपने फोन देश में ही एसेंबल करने शुरू कर दिए हैं और इसके चलते कई जानकारों का मानना है कि इस कदम के बावजूद फोन्स की कीमत पर ज्यादा असर नहीं देखा जाएगा.