हिंदू धर्म में कार्तिक महीने की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है,

जो इस बार पांच नवंबर को है.

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मान्यता है कि इस दिन व्रत करने, दान पुण्य करने के

अलावा दीपदान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है.

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पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु पृथ्वी लोक पर मां लक्ष्मी के साथ

विचरण करते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं.

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कार्तिक पूर्णिमा या देव दीपावली पर विषम संख्या में दीपक जलाना शुभहोता है.

इस दिन साल के दिनों की संख्या 365 बाती वाले दीये जलाना अत्यंत शुभ होता है.

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कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों खास कर गंगा में स्नान करने का खास महत्व है.

इस दिन अगर आप नदी में स्नान नहीं कर पाते हैं तो घर पर ही स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं.

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मान्यता है कि गंगा स्नान करने के बाद ही दीपदान

करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

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इस दिन तुलसी व पीपल के पौधे के नीचे, घर के आंगन,

बालकनी छत व मुख्य द्वार पर दीपक रख सकते हैं.

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कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पंचाग के अनुसार 4 नवंबर को रात 10:36 पर शुरू होगी,

जिसका समापन 5 नवंबर को शाम 6:48 पर होगा.

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कार्तिक पूर्णिमा के स्नान और दान के लिए उदयातिथि की मान्यता है.

इसलिए यह पांच नवंबर को है। स्नान के लिए अच्छा समय ब्रहा मुहूर्त में 4:52 से 5:44 बजे तक है.

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