पाकिस्तान की 50वीं सालगिरह पर छपी किताब फिफ्टी इयर्स ऑफ पाकिस्तान में लिखा गया कि 'मुहम्मद बिन कासिम पहले पाकिस्तानी थे'.



मुहम्मद बिन कासिम एक अरब सेनापति थे जिन्होंने 712 ईस्वी में सिंध पर हमला किया था.



1971 में जब पाकिस्तान दो हिस्सों, पाकिस्तान और बांग्लादेश में बंट गया तो इतिहास फिर से लिखा गया.



पाकिस्तान के कुछ लोगों ने कहना शुरू किया कि सिंधु नदी के पश्चिम का इलाका हमेशा से पाकिस्तान का था.



जिया-उल-हक़ के शासन (1978-1988) में यह बात और तेज हो गई कि पाकिस्तान की असली जड़ें अरब में हैं.



धीरे-धीरे मुहम्मद बिन कासिम, महमूद गजनवी और मुहम्मद गौरी को पाकिस्तान का हीरो बना दिया गया.



सिंध के राजा दाहिर, जिन्होंने मुहम्मद बिन कासिम से युद्ध किया था, उन्हें इतिहास में पीछे छोड़ दिया गया.



कुछ लोगों ने 2020 में मांग की कि पाकिस्तान में राजा दाहिर को सिंध का असली नायक माना जाए.



पाकिस्तान में राष्ट्रवादियों ने यह मानना शुरू कर दिया कि मुहम्मद बिन कासिम पहले पाकिस्तानी थे, जबकि 1300 साल पहले पाकिस्तान नाम का कोई देश था ही नहीं.