मुगलकाल में बादशाहों की बेगमें, रखैल, सेविकाएं और परिवार की अन्य महिलाओं के लिए अलग स्थान बनाया गया था, जिसे हरम कहते थे.



वैसे तो ज्यादातर मुगल शासकों के हरम में हजारों महिलाएं रहा करती थीं, लेकिन इस मामले में औरंगजेब पीछे था.



दूसरे मुगल शासकों की तुलना में औरंगजेब के हरम में सबसे कम महिलाएं थीं.



इतिहासकार बेनी प्रसाद के अनुसार, औरंगजेब के शासन में हरम में महिलाओं की संख्या घट गई थी.



इतिहासकार मानते हैं कि औरंगजेब के हरम में महिलाओं की संख्या कम होने की वजह ये हो सकती है क्योंकि उसका धर्म की तरफ झुकाव ज्यादा था.



औरंगजेब को जिंदा पीर कहा जाता था क्योंकि वह पूरी तरह धार्मिक जीवन जीता था.



अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट बताती है कि हरम में महिलाओं के बीच खूब राजनीति और प्रपंच होता था.



उनमें यह डर रहता था कि अगर किसी महिला ने बेटे को जन्म दिया तो उसका ओहदा बढ़ जाएगा और वो बादशाह की फेवरेट बन जाएगी.



इस वजह से वे एक-दूसरे खिलाफ षडयंत्र भी करती थीं.



हरम में महिलाओं को काफी शाही तरीके से रखा जाता था और उनके ओहदे के हिसाब से उन्हें सैलरी और पेंशन दी जाती थी.