बाल गणेश को मोदक अति प्रिय है. गणेश चतुर्थी के अलावा
विसर्जन वाले दिन भी उन्हें मोदक का भोग लगाया जाता है.


मान्यता है जो बप्पा को मोदक का भोग लगाते हैं, वह
उन पर अपनी कृपा बरसाते हैं.


भगवान गणेश ने पहली बार मोदक ऋषि अत्रि
और उनकी पत्नी अनुसूया के घर खाया था.


कथा के अनुसार ऋषि और माता अनुसूया ने शिव
परिवार को भोज के लिए आमंत्रित किया था.


जब सब भोजन पर बैठे तो गणेश जी पूरा भोजन
ग्रहण कर गए और सारा भोज खत्म हो गया.


तब माता अनुसूया ने उन्हें श्रद्धा से 21 मोदक खिलाए.
जिसके बाद वह बेहद प्रसन्न और संतुष्ट हो गए.


गणेश विसर्जन वाले दिन बप्पा को मोदक का
भोग लगाने पर सालभर परिवार में मिठास बनी रहती है.