आश्विन मास की शरद पूर्णिमा को कोजागिरी पूर्णिमा कहा जाता है.

मान्यता है कि इसी दिन मां लक्ष्मी का अवतरण भी हुआ था.

श्रीकृष्ण ने भी गोपियों संग इसी रात्रि महारास किया था.

इसलिए धार्मिक दृष्टि से शरद पूर्णिमा का खास महत्व होता है.

कहा जाता है कि, शरद पूर्णिमा की रात सोना नहीं चाहिए.

आइये जानते हैं शरद पूर्णिमा की रात्रि जागने का कारण क्या है.

शरद पूर्णिमा की रात मा लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं.

रात में जाकर मंत्र, भजन व ध्यान करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है.

मान्यता यह भी है कि, शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की चांदनी से अमृत बरसता है.

इसलिए इस रात चंद्रमा के प्रकाश में खीर रखने और कुछ देर बैठने की परंपरा है.