भगवान विष्णु जी ने 24 अवतार लिए जिसमें से एक था
वामन अवतार, इसमें उन्होंने एक छोटे से ब्राह्मण का रूप धरा था.


भाद्रपद शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर वामन जयंती मनाई
जाती है जो इस बार 4 सितंबर को है.


विष्णु जी के हर अवतार का अलग-अलग उद्देश्य था.



वामन अवतार लेकर विष्णु जी ने दानवीर राजा बलि
के अहंकार को भंग किया.


वामन देव ने ही देवताओं को स्वर्ग वापस दिलाया, जो
राजा बलि ने अपने कब्जे में ले लिया था.


वामन अवतार का तीसरा उद्देश्य धर्म को पुन: स्थापित करना
था.


वामन अवतार ने तीनों लोकों को अपने तीन कदमों में
नाप कर संतुलन बहाल किया.


वामन जयंती पर छोटी उम्र के ब्राह्मण को दान-दक्षिणा
देना शुभ फलदायी होता है. सुख की प्राप्ति होती है.