चाणक्य के अनुसार दुश्मन को हराने के लिए बल के अलावा
बुद्धि का इस्तेमाल करना भी जरुरी है.


शत्रु को हराना है तो उसकी योजनाओं, सोच और कमजोरियों को
करीब से जानने का प्रयास करें.


इसके बाद आप उसे तीनों तरफ से परास्त करने की रणनीति
बना सकते हैं.


अगर आप जानते हैं कि आपका शत्रु कौन है तो उससे मुंह
मोड़ने की बजाय उसे भ्रम में रखें, आराम से बात करें.


चाणक्य कहते हैं कि उससे अच्छा व्यवहार रखें
ताकि आप उस पर कड़ी निगरानी रख सकते हैं.


कूटनीति का उपयोग करें. उसकी आदतों का विश्लेषण करें
और फिर सही समय पर वार करें.


क्रोध या उकसावे में आकर शत्रु से भिड़ना मूर्खता होती है.
इसमें हार के अलावा कुछ हासिल नहीं होता.


दुश्मन को हराना है तो गोपनीयता बहुत जरुरी, इसलिए अपनी
खास योजनाओं को किसी के भी सामने उजागर न करें.