हमारे घर-आंगन में होती है.
का विवाह कराया जाता है.
तुलसी की पूजा की जाती है.
जो पतिव्रता स्त्री थी.
वृंदा के सतीत्व पर निर्भर थी.
देवताओं ने विष्णु जी की मदद ली.
कर वृंदा की परीक्षा ली.
उन्हें पत्थर बनने का श्राप दिया.उन्हें पत्थर बनने का श्राप दिया.
कारण विष्णु शालिग्राम शिला बने.
तुलसी के रूप में पूजित होंगी.
तुलसी बनकर वास करती हैं.