31 अक्टूबर को दुनियाभर (खासकर पश्चिम देश) में

हैलोवीन मनाया जाता है.

पुराने समय में हैलोवीन को ‘सौवेन’

की रात भी कहा जाता था.

हैलोवीन को आत्माओं के धरती पर लौटने

का दिन भी माना जाता है.

माना जाता है कि इस दिन मृत आत्माएं जीवित

लोगों की दुनिया में आती हैं.

पहले के समय में लोग पशुओं की खाल, मुखौटे पहनकर

आत्माओं से खुद को बचाते थे.

यही ट्रिक आज हैलोवीन पर विभिन्न तरह के

कॉसट्यूम पहनने की परंपरा बन गई.

हैलोवीन का नाम सुनकर या अजीबोगरीब पहनावे

देखकर कई लोग डर जाते हैं,

लेकिन हैलोवीन डर नहीं, बल्कि आत्मा की

उपस्थिति और स्मृति का उत्सव है.

हैलोविन हमें यह याद दिलाता है कि मृत्यु

केवल एक परिवर्तन है, अंत नहीं.