ओणम सिर्फ एक सांस्कृति पर्व नहीं बल्कि केरल और
दक्षिण भारतीय के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारै है.


ओणम का त्योहार नाट्य, पारंपरिक भोजन के बिना
अधूरा माना जाता है.


तिरुवोणम में ‘साद्य’ भोजन सबसे अहम है, ये सात्विक
भोजन का प्रतीक है जिसमें कई पकवान बनते हैं.


अवियल, ओलन, थोरन, सांभर, रसम, पचड़ी और
पायसम जैसे मुख्य व्यंजन साद्य के अहम हिस्सा हैं.


साद्य हमेशा केले के पत्ते पर परोसा जाता है, केले के
पत्ते पर भोजन परोसना भारतीय संस्कृति को दर्शाता है.


केले का पत्ता स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभकारी माना जाता है.



साद्य सिर्फ भोजन नहीं बल्कि समानत और भाईचार का
संदेश देता है, क्योंकि ये भोजन गांव के लोग मिलकर बनाते हैं.


फिर चाहे अमीर हो या गरीब एक साथ बैठकर केले के पत्ते
पर वही भोजन करते हैं.