(Source: ECI / CVoter)
क्या हनुमान, अजान, नमाज के चक्रव्यूह में फंस गए उद्धव ठाकरे ?
महाराष्ट्र की सियासत हनुमान जी के इर्द-गिर्द घूम रही है...पहले हनुमान चालीसा के पाठ को लेकर निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने उद्धव सरकार को घेरा...लेकिन नवनीत राणा की गिरफ़्तारी के बाद अब बीजेपी और शिवसेना आमने-सामने हैं...देवेंद्र फडणवीस सवाल पूछ रहे हैं कि हनुमान चालीसा महाराष्ट्र में नहीं पढ़ेंगे तो क्या पाकिस्तान में पढ़ेंगे.दूसरी तरफ़ उद्धव ठाकरे ने हनुमान चालीसा पर उठ रहे तमाम सवालों का जवाब देते हुए कहा कि उन्हें मंदिरों में सिटी बजाने वाला हिंदू नहीं चाहिए बल्कि गदाधारी हिंदू चाहिए..विवादों की एक चिन्गारी कैसे दहकती आग में बदल जाती है, इसको आप अजान के बदले हनुमान चालीसा के विवाद से समझ सकते हैं। वो विवाद लाउडस्पीकर से शुरु हुआ लेकिन आज उसपर राजनीति बेहद लाउड है। कल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिसको हनुमान चालीसा पढ़ना है, वो अपने घर में पढ़े लेकिन सड़कों पर दादागीरी करने के लिए उतरेगा तो उसको सही जवाब दिया जाएगा। इस पर आज बीजेपी ने पूछा कि सड़क पर नमाज पढ़ते समय ये ज्ञान कहां चला जाता है। तो आज का हमारा सवाल भी इसी से जुड़ा है.