LPG की कीमत में बढ़ौतरी सिर्फ आपकी रसोई नहीं बाकी जगह भी आपका बजट बिगाड़ती है, समझिये कैसे
यह है लुटियन दिल्ली में खानपान की दुकान चलाने वाले चंदन और भोला। सिलेंडर की बढ़ी हुई कीमतों का असर किस तरह से इन लोगों के व्यापार पर पड़ा है चलिए आपको वह बताते हैं। साल की शुरुआत में जो कमर्शियल सिलेंडर 1332 रु का था आज की तारीख में 1693 रु तक पहुंच गया है। सिर्फ इस महीने की ही बात की जाए तो पिछले महीने की तुलना में ₹75 की बढ़ोतरी हो चुकी है और इनके मुताबिक इस बढ़ोतरी के चलते महीने का करीब ₹3000 अतिरिक्त खर्च होने लगा है। लेकिन इनका कहना है कि जिस अनुपात में सिलेंडर की कीमत बढ़ी है उस अनुपात में अगर खाने पीने की चीजों के दाम बढ़ा दिए तो ग्राहक इनके पास आना छोड़ देंगे। इसी वजह से साल भर में जहां सिलेंडर की करीब 30 फीसदी कीमत में बढ़ोतरी हुई है तो इन्होंने खाने पीने की चीजों की कीमत में करीबन 10 फ़ीसदी का इजाफ किया है। उदाहरण के तौर पर तंदूरी चिकन की कीमत जहां साल की शुरुआत में ₹360 प्लेट थी तो अब बढ़ाकर ₹380 प्लेट की गई है वही अफ़गानी चिकन जो 400 प्रति प्लेट बिकता था उसकी कीमत ₹20 बढ़ोतरी के बाद ₹420 की गई है पनीर टिक्का और मसाला चाप रोल जो 150 रूपए का बिकता था उसकी कीमत ₹10 बढ़ाकर ₹160 कर दी गई है। यानी सिलेंडर की कीमत में बढ़ोतरी हुई करीबन 30 पीस दी लेकिन खाने-पीने की चीजों में बढ़ोतरी हुई 5 से 10 फीसदी। दुकानदारों का कहना है किस लेंडे की कीमतों की बढ़ोतरी का असर उनके व्यापार और मुनाफे पर पड़ रहा है।
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