(Source: ECI / CVoter)
सीमा विवाद: कांग्रेस ने पूछा- क्या चीन के साथ बनी सहमति पूर्व की यथास्थिति की बहाली के खिलाफ नहीं?
एलएसी पर चल रहे गतिरोध के बीच कुछ इलाकों से चीनी सैनिकों के पीछे हटने की शुरुआत को लेकर कांग्रेस ने पीएम मोदी से सवाल किये.
नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे गतिरोध के बीच कुछ इलाकों से चीनी सैनिकों के पीछे हटने की शुरुआत को लेकर कांग्रेस ने पीएम मोदी से सवाल किया है. उन्होंने कहा कि क्या दोनों देशों के बीच बनी सहमति पूर्व की यथास्थिति की बहाली के खिलाफ नहीं है.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि पूरा देश अपने जवानों और सरकार के साथ एकजुट होकर खड़ा है और ऐसे में प्रधानमंत्री को हमारी भूभागीय अखंडता की मजबूती से रक्षा करनी चाहिए. उन्होंने कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों के बयानों से जुड़ी खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री जी, राष्ट्रीय सुरक्षा पावन होती है. भूभागीय अखंडता किसी समझौते से परे होती है. क्या यह सही है कि चीन के साथ नए प्रोटोकॉल के तहत भारतीय जवान पीपी-14 (गलवान घाटी), पीपी-15 (हॉट स्प्रिंग्स) और पीपी-17 (गोगरा) तक गश्त नहीं लगा सकते?’’
2/n Dear PM,
National Security is sacrosanct. Territorial Integrity is non-negotiable. Pl answer-: 2. Is it not true that there has never been dispute with #China on alignment of LAC in these three areas of Galwan Valley, Hot Spring & Gogra? (See Gen. D.S.Hooda’s comment) pic.twitter.com/pnE6NwGBFw — Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 8, 2020
क्या एलएसी के सीमांकन को लेकर चीन के साथ कोई विवाद नहीं हुआ- सुरजेवाला
सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘‘ क्या यह सही है कि इन तीनों इलाकों में एलएसी के सीमांकन को लेकर चीन के साथ कभी कोई विवाद नहीं रहा है? भारत एलएसी पर अपनी सीमा की तरफ ‘बफर जोन’ बनाने पर सहमत क्यों हुआ?’’
उन्होंने यह भी पूछा, ‘‘ क्या यह गलवान घाटी और दूसरे बिंदुओं पर पूर्व की यथास्थिति की बहाली के खिलाफ नहीं है? चीन पेंगोंग सो इलाके में फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच से और डेपसांग इलाके में वाई जंक्शन से अपने सैनिकों को क्यों नहीं हटा रहा है?’’
चीनी सेना ने लद्दाख के कुछ इलाकों से अपनी सीमित वापिस लेना शुरू किया
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ पूरा देश हमारे शस्त्र बलों और सरकार के साथ एकजुट होकर खड़ा है. हमारी भूभागीय अखंडता की मजबूती के साथ रक्षा करने की जिम्मेदारी आपकी है.’’ गौरतलब है कि सीमा पर तनाव कम होने के पहले संकेत के रूप में चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में कुछ इलाकों से अपनी सीमित वापसी शुरू कर दी है.
इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने टेलीफोन पर बात की जिसमें वे एलएसी से सैनिकों के ‘‘तेजी से’’ पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा करने पर सहमत हुए.
यह भी पढ़ें.
कोरोना काल: DCGI ने रेमडेसिवीर दवा की काला बाजारी रोकने के लिए राज्य सरकारों को लिखा पत्र
शुरुआती कारोबार में Sensex में दिखी 100 अंकों से ज्यादा की उछाल, Nifty 10,800 के पार