वेब सीरीज 'तांडव' को लेकर HC ने जताई नाराज़गी, कहा- बहुसंख्यक लोगों के मूल अधिकारों का किया गया हनन
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साफ़ तौर पर कहा है कि कला और अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर बहुसंख्यक लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता के मूल अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता है.
प्रयागराज: विवादित वेब सीरीज 'तांडव' को लेकर अमेज़न प्राइम की इंडिया हेड अपर्णा पुरोहित को आज इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने अपर्णा पुरोहित की अग्रिम जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट से अर्जी खारिज होने के बाद अपर्णा पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है. अदालत ने न सिर्फ अपर्णा पुरोहित को कोई भी राहत देने से इंकार किया है, बल्कि 'तांडव' वेब सीरीज के कंटेंट को लेकर अपनी नाराज़गी जताते हुए तल्ख़ टिप्पणियां भी की हैं. अदालत ने साफ़ तौर पर कहा है कि कला और अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर बहुसंख्यक लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता के मूल अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता है.
अदालत का मानना है कि खुद को मिले अधिकार की आड़ में देवी-देवताओं का मज़ाक उड़ाकर या फिर अपमान कर लोगों की भावनाओं को कतई ठेस नहीं पहुंचाया जा सकता. अदालत ने अपने फैसले में माना है कि 'तांडव' वेब सीरीज़ में तमाम डायलॉग्स और सीन्स आपत्तिजनक हैं. यह लोगों की भावनाओं को आहत करने वाले हैं. कोर्ट ने अपने फैसले में तमाम विवादित डायलॉग्स का जिक्र भी किया है. कोर्ट ने इस मामले में तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा है कि बहुसंख्यक लोगों के मूल अधिकारों का हनन करने वालों को अपने अधिकार की रक्षा की मांग करने का कोई हक़ नहीं है.
कोर्ट ने अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था
यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ की सिंगल बेंच ने अपर्णा पुरोहित की अग्रिम जमानत की अर्जी को खारिज करते हुए दिया था. अदालत ने इस मामले को चार फरवरी को ही अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था. चार फरवरी को दिए गए अंतरिम फैसले में कोर्ट ने अपर्णा पुरोहित की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. अदालत ने यह भी कहा है कि अपर्णा पुरोहित ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज एफआईआर में कोर्ट से राहत मिलने के बावजूद पुलिस को जांच में पूरी तरह सहयोग नहीं किया. राहत देने की सबसे बड़ी शर्त जांच में सहयोग करने की होती है. लखनऊ के मामले में ऐसा न कर अपर्णा ने यह अधिकार खो दिया है.
अपर्णा पुरोहित ने अग्रिम जमानत की यह अर्जी गौतम बुद्ध नगर जिले के रबूपुरा थाने में दर्ज एफआईआर के मामले में दाखिल की थी. अदालत ने यह माना है कि 'तांडव' वेब सीरीज से न सिर्फ लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं, बल्कि इसके कुछ दृश्यों से देश की छवि को भी नुकसान पहुंचा है.
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