उदास थे सुशील मोदी, मैंने उनसे पूछा था... पूर्व डिप्टी सीएम को याद कर बीजेपी नेता भावुक, याद की 50 साल पुरानी बात
BJP के नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी का सोमवार रात निधन हो गया. वह कैंसर से पीड़ित थे. उनके निधन पर सभी अपने श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे हैं.
Sushil Modi News: बिहार के उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद रहे सुशील मोदी का सोमवार देर रात दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स में निधन हो गया. बीते ही महीने उन्होंने इस आशय की जानकारी दी थी कि वह कैंसर से पीड़ित हैं. उनके निधन की सूचना पर विभिन्न दलों के नेताओं ने अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए.
इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी के नेता, यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने भी सुशील मोदी के निधन पर अपनी शोक संवेदना की प्रकट की. उन्होंने 50 साल पुराना वाकया याद करते हुए सुशील मोदी को श्रद्धासुमन अर्पित किए.
दिनेश शर्मा ने लिखा- आदरणीय सुशील मोदी जी लोकनायक जयप्रकाश जी के युग के कार्यकर्ता थे एकात्म मानव दर्शन विषय के वह मर्मज्ञ थे. पूरा देश 1974 में लोकतंत्र की लड़ाई लड़ रहा था, जनसंघ के कार्यकर्ता के रूप में कांग्रेस के विरोध में चल रहे जेपी आंदोलन में वह भी सहभागी बने. जनसंघ सहित विपक्ष के तमाम दलों ने मिलकर कांग्रेस के आततायी शासन व्यवस्था के विरुद्ध संगठित प्रचंड विरोध प्रदर्शन किए थे, जिस पर नायक की तरह सुशील जी उभरे. सुशील जी के व्यक्तित्व का निर्माण उसी कालक्रम में हुआ. राज्य सभा के सदस्य के रूप में वे शून्य काल , प्रश्न काल , बहसों में जानकारी के साथ अध्ययन करके प्रतिबद्धता पूर्वक भागीदारी दिखाते रहे.
शर्मा ने लिखा- उनकी सीट मेरी पास में ही थी काफी विषयों पर उनके अनुभव का लाभ मुझे मिलता था, विगत दिनों संसद में वह मुझे उदास दिखे तो मैंने उनसे पूछा क्या बात है उन्होंने अपनी बीमारी का उल्लेख नहीं किया और यह कहकर चलिए चाय पिया जाता है ,बिहार तथा पुराने कार्यकर्ताओं और नेताओं के तमाम संस्मरण उन्होंने बताया आर्थिक विषय पर राज्यसभा में मैंने जो विचार रखे थे, उनकी उन्होंने प्रशंसा की लेकिन साथ में कुछ और टिप्स भी दिए, उनकी जानकारी अद्भुत थी बिहार की समकालीन राजनीति में वे इन्हीं गुणों के कारण अलग दिखते थे .
बीजेपी नेता ने लिखा- एक राजनेता को स्वाध्यायी संवेदनशील, राजनीतिक उद्देश्यों के प्रति सतर्क तथा सामाजिक संदर्भो में संवेदनशील होना चाहिए . इसके वे प्रत्यक्ष उदाहरण थे . उपमुख्यमंत्री के तौर पर वह कई बार मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में कुछ ना कुछ नया अवश्य प्रस्तुत करते थे . वह हमेशा याद आएंगे एक श्रेष्ठ समर्पित भाजपा कार्यकर्ता, राजनेता स्पष्ट प्रखर वक्ता के रूप में. उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि .