नई दिल्ली. यूपी की योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज से निलंबित डॉक्टर कफील खान के मामले में दायर याचिका को खारिज कर दिया है. राज्य सरकार ने कफील खान के खिलाफ एनएसए की धाराएं हटाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में याचिका दाखिल की थी.


बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद डॉ. कफील खान को 2 सितंबर को मथुरा जेल से रिहा कर दिया गया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कफील खान पर लगाए गए एनएसए को अवैध करार देते हुए उसे रद्द कर दिया और उन्हें तुरंत जेल से रिहा किये जाने के आदेश दिया था. कफील खान उस वक्त चर्चा में आये थे जब गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में वे निलंबित कर दिये गये थे. उन्हें 1 अगस्त 2017 में गिरफ्तार किया गया था.





अदालत ने की थी तल्ख टिप्पणी
कफील को सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर भड़काऊ बयान देने के मामले में एनएसए के तहत जेल भेजा गया था. हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए यूपी के सरकारी अमले के कामकाज और फैसले पर सवाल उठाए थे. डा. कफील को मिली राहत की दो सबसे बड़ी वजह एनएसए के लिए पर्याप्त आधार का न होना और एनएसए लगने के बाद जेल में आरोपी को सभी दस्तावेज मुहैया न कराना रहा है. डॉ कफील ने दावा किया था कि उत्तर प्रदेश की विशेष पुलिस (एसटीएफ) ने गिरफ्तार करने के बाद न केवल उन्हें शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया बल्कि 'अजीबो गरीब' सवाल भी पूछे.


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