Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के रायबरेली (Raebareli) में रक्षाबंधन (Raksha bandhan 2022) के पवित्र त्यौहार पर जेल प्रशासन ने जेल में बंद भाइयों और बहनों के लिए विशेष तैयारियां की थी. जेल प्रशासन ने बाहर से आने वाली बहनों के बैठने और जलपान की व्यवस्था के साथ-साथ सम्मान पूर्वक जेल के अंदर पहुंचाना और भाइयों से मिलवाकर राखी बंधवाना सुनिश्चित किया था. इतना ही नहीं जेल के अंदर बंद भाई-बहनों को भी अलग-अलग बैरिक से बुलाकर उन्हें राखी बंधवाई गई. यहां जेल प्रशासन की एक नई पहल भी देखने को मिली जिसमें बहनों के लिए मुफ्त में राखी और मिठाई की भी व्यवस्था की गई थी ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की तकलीफ ना होने पाए. रायबरेली जेल प्रशासन की यह पहल जनपद में चर्चा का विषय बनी रही.


की गई थी जलपान की भी व्यवस्था
रक्षाबंधन के त्यौहार पर जिला जेल में बंद कैदियों की बहनों के लिए जिला जेल प्रशासन ने खास व्यवस्था कर रखी थी. बाहर से आने वाली बहनों के लिए बैठने की समुचित व्यवस्था के साथ-साथ उनके जलपान की व्यवस्था भी की गई थी. बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था जिन्होंने उनका नाम पता लेकर पहले से ही जेल के अंदर बंद भाइयों को कैंपस के अंदर बुला लिया गया था. उन बहनों को अंदर भेजकर भाइयों से मिलवाया गया. वाटर प्रूफ टेंट के नीचे बैठने की समुचित व्यवस्था की गई थी जहां भाई-बहन बैठकर रक्षाबंधन का पवित्र त्यौहार मनाएं. 


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पूरा खर्चा जेल प्रशासन ने उठाया
इतना ही नहीं जेल अधीक्षक अविनाश गौतम और जेलर एस प्रकाश ने जेल के अंदर राखी और मिठाई की मुफ्त में व्यवस्था भी कर रखी थी. जो बहनें बिना राखी और मिठाई के भाई से मिलने पहुंची थीं उन्हें भी रक्षाबंधन का त्यौहार मनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. इतना ही नहीं जेल के अंदर पहले से बंद भाइयों और बहनों को अलग-अलग बैरिक से बुलाकर उन्हें भी राखी बंधवाई गई जिसका पूरा खर्चा जेल प्रशासन ने उठाया.




राखी बांधनें पहुंचीं एक हजार बहनें
लगभग एक हजार बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने जिला जेल पहुंचीं. जिला जेल की व्यवस्था देखकर बहनों को यह महसूस ही नहीं हुआ कि वह जेल में राखी बांधने आई है. दसियों साल से बंद कुछ भाइयों की बहनों ने तो यहां तक कह दिया कि जो व्यवस्था इस बार हुई है वह कभी नहीं हुई. जिस तरह जेल प्रशासन ने सम्मान पूर्वक बहनों को जेल के अंदर ले जाकर भाइयों से मिलवाया और रक्षाबंधन का त्यौहार मनाने में सहयोग किया वह एक अच्छा संदेश माना जा रहा है.




क्या कहा राखी बांधने आई बहन ने
राखी बांधने आई कौशल्या ने बताया कि, मैं लगभग सात सालों से जेल में अपने भाई को राखी बांधने आ रही हूं. इस बार भी मैं आई हूं लेकिन जो व्यवस्था इस बार हुई है वह कभी नहीं हुई. बाहर बैठने की व्यवस्था, पानी पीने की व्यवस्था सहित अंदर मुफ्त राखी और मिठाई की व्यवस्था की गई. जो कभी नहीं हुआ. मैं यही संदेश देना चाहती हूं कि बाहर जो भी लोग हैं वह अच्छे से रहें, उन्हें यहां आने की कभी जरूरत ना पड़े.


जेल अधीक्षक ने क्या बताया
जेल अधीक्षक अविनश गौतम ने बताया कि, इस रक्षाबंधन के त्यौहार पर जेल में बंद भाइयों को राखी बांधने आने वाली बहनों के लिए सुविधाएं प्रदान की गईं हैं. गाड़ियों के पार्किंग के साथ-साथ उनके बैठने और जलपान की व्यवस्था कराई गई है. सम्मान के साथ उन्हें अंदर भेजकर राखी बंधवाई गई. जेल के अंदर सुरक्षा की दृष्टि से और कुछ बहनें राखी और मिठाई लाने में सक्षम नहीं होती हैं उनके लिए मुफ्त में राखी और मिठाई की व्यवस्था की गई है. लगभग नौ सौ बहने अभी तक राखी बांधने आ चुकी हैं. आगे भी आ रही हैं. उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या न हो इसके लिए सारी व्यवस्थाएं कर दी गई.


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