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Karpoori Thakur Birth Anniversary: कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न पर मायावती ने साधी चु्प्पी, भतीजे आकाश आनंद ने किया बड़ा दावा
UP News: बिहार के मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर की 100 जयंती पर केंद्र सरकार ने उन्हे भारत रत्न देने का ऐलान किया है. जिसका बसपा नेता आकाश आनंत ने स्वागत किया है.
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Karpuri Thakur: केंद्र सरकार ने बिहार पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को देश सर्वोच्च नागरिकर पुरस्करा भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है. कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न दिया जाएगा. केंद्र सरकार द्वारा कर्पूरी ठाकुर की 100 वीं जयंती पर भारत रत्न देने के फैसले पर नेताओं की प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई है. कर्पूरी ठाकुर की पहचान स्वतंत्रा सेनानी, शिक्षक और राजनीतिज्ञ के रूप में रही है.
कर्पूरी ठाकुर भारत रत्न दिये जाने पर बहुजन समाज पार्टी के नेता आकाश आनंद की प्रतिक्रिया सामने आई है. हालांकि बसपा चीफ मायावती की ओर से समाचार लिखे जाने तक कोई बयान नहीं जारी हुआ था. मायावती के उत्तराधिकारी आकाश आनंद ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि सामाजिक न्याय के पुरोधा व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किए जाने के फैसले का स्वागत है. हम सबके लिए ये खुशी की बात है. बाबू कर्पूरी ठाकुर जी ने हमेशा पिछड़ों, दलितों, वंचितों के हित में कार्य किया है. सदन से लेकर सड़क तक दलितों, पिछड़ों व वंचितों की पीड़ा को मज़बूती से उठाने वाले जन-नायक कर्पूरी ठाकुर जी की जयंती पर मेरा कोटि कोटि नमन.
कैसा रहा कर्पूरी ठाकुर का जीवन
कर्पूरी ठाकुर को बिहार की राजनीति में सामाजिक की न्याय की अलख जगाने वाला नेता माना जाता है. कर्पूरी ठाकुर का जन्म साधारण परिवार में हुआ था. कहा जाता है कि आपातकाल के समय तमाम कोशिशों के बाद भी इंदिरा सरकार उन्हें गिरफ्तार नहीं करवा सकीं थी. कर्पूरी ठाकुर ने 22 दिसंबर साल 1970 को पहली बार बिहार की सत्ता संभाली थी.
उनका कार्यकाल महज 163 दिन का ही रहा था. साल 1977 में कर्पूरी ठाकुर दूसरी बार प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुएं. दूसरा कार्यकाल भी वे अपना पूरा नहीं कर सकें. उन्होंने महज दो साल से भी कम के कार्यकाल में समाज के दबे-कुचले और पिछड़े लोगों के हितों के लिए काम किया. उन्होंने बिहार में सभी विभाग में हिंदी में काम करने को अनिवार्य बना दिया.
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