सोनभद्र में हैकर्स ने स्वास्थ्य विभाग को बनाया शिकार, NRHM के खाते से निकाले 92 लाख रुपये
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में साइबर क्राइम की बड़ी वारदात सामने आई है. यहां साइबर हैकरों ने स्वास्थ्य विभाग को चूना लगाते हुए एनआरएचएम खाते से फर्जीवाड़ा कर 92 लाख रुपये निकाल लिए हैं.
लखनऊः प्रदेश में साइबर क्राइम कर रहे हैकर अब बेलगाम होते जा रहे हैं. ताजा मामले में हैकर्स ने सोनभद्र जिले के स्वास्थ्य विभाग को अपना निशाना बनाया है. यहां हैकर्स ने स्वास्थ विभाग को बड़ा झटका देते हुए एनआरएचएम मद के खाते से फर्जीवाड़ा कर 92 लाख रुपये निकाल लिए हैं. इस बड़े साइबर क्राइम से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.
जनपद में साइबर क्राइम के शतिरों ने निजी खातों को हैक करने के बाद अब सरकारी विभागों के खातों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है. सोनभद्र में साइबर अपराधियों ने सरकारी खाते से पहली बार 92 लाख रुपये गायब कर जिला प्रशासन को सकते में डाल दिया है. साइबर क्राइम का यह अपराध करने वाले हैकरों ने सोनभद्र स्वास्थ्य विभाग के एनआरएचएम खाते को हैक कर 92 लाख रुपये का झटका दिया.
NRHM खाते से निकाले गए 92 लाख रुपये
जनपद पुलिस ने बताया की मामले को मिर्जापुर मंडल के साइबर सेल को जांच के लिए सौंप दिया गया है. सरकारी खाते से लाखों रुपये गायब होने के बाद स्वास्थ्य विभाग का खाता सीज कर दिया गया है. हैकर्स ने एनआरएचएम खाते से उड़ाए 92 लाख रुपये फर्जी तरीके से निकाल लिए है. एनआरएचएम के खाते से फर्जी डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट के माध्यम से PFMS पोर्टल पर 71 बार में लेन देन कर 92 लाख निकाला गया है.
एनआरएचएम विभाग के अधिकारी ने बताया कि विभाग के खाते से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए यह रुपये गायब किए गए हैं. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग का खाता सीज कर दिया गया है. खाता सीज होने के बाद कर्मचारियों को इस माह का वेतन भी नहीं मिल सका है. एसीएमओ के मुताबिक एसपी को तहरीर सौंप दी गई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है.
साइबर सेल को सौंपा गया जांच का जिम्मा
इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से साफ किया गया है, 'हम कई सालों से कोई चेक से भुगतान नहीं करते हैं. 25 जनवरी को बैंक स्टेटमेंट निकाला गया. तब मामला प्रकाश में आया कि खाते से कई बार में पैसा निकाला गया है. जो हमारे खाते से मिलान नहीं कर रहा था. खाते से 92 लाख 10 हजार रुपया निकाला गया है. एनआरएचएम के खाते से किसी भी तरह के भुगतान पर रोक लगा दिया गया है. इस मामले में पुलिस में तहरीर दे दी गई है.'
पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि मामला एक लाख से अधिक के साइबर क्राइम का है. इसलिए इसे मिर्जापुर मंडल के साइबर सेल को जांच के लिए भेजा गया है. 92 लाख रुपये गायब होने की जांच में पुलिस जुटी हुई है. जल्द ही इस मामले का खुलासा किया जाएगा. यह प्रकरण बहुत ही गंभीर है, हो सकता है कि शातिरों के तार अन्य जिलों तक भी फैले हों.
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