Etah News: एटा (Etah) में कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव श्रीकरा में पति और पत्नी की दिन दहाड़े गला काटकर हत्या और उनके तीन साल के मासूम बेटे पर जानलेवा हमले का एटा पुलिस ने 12 घंटे के अंदर खुलासा कर दिया है. एटा पुलिस ने डबल मर्डर के आरोप में मृतक जितेंद्र के सगे भाई धर्मेन्द्र और उसके साथी प्रिवेंद्र को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर खून से सने कपड़े जंगल से बरामद गए थे.


हत्या में प्रयोग किए गए चाकू और मासूम तनिष्क के सर में प्रहार किए जाने वाले हथौड़े को भी बरामद कर लिया है. पुलिस के अनुसार पति-पत्नी की हत्या म्रतक जितेंद्र के सगे भाई धर्मेन्द्र और उसके एक साथी ने प्रॉपर्टी के लालच में की थी. पुलिस ने दोनों आरोपियों को एटा जेल भेज दिया है.


दरअसल, एटा के श्रीकरा गांव में पुलिस को सोमवार को सूचना मिली थी कि एक घर में पति और पत्नी के शव पड़े हुए हैं. सूचना पर एटा के एसएसपी उदय शंकर सिंह और अलीगढ़ मण्डल के आईजी दीपक कुमार ने पुलिस के अन्य अधिकारीयों के साथ घटना स्थल का निरीक्षण किया था और घटना के शीघ्र खुलासे के निर्देश भी दिए थे. इस सम्बन्ध में मृतक जितेंद्र के बड़े भाई धर्मेंद्र ने थाना कोतवाली देहात में अपने भाई जितेन्द्र की पत्नी पिंकी के परिजनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. 


पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार 
कुछ ही घंटों बाद पुलिस ने जांच के दौरान मृतक जितेंद्र के बड़े भाई धर्मेंद्र और उसके एक साथी प्रिवेंद्र को अलीगंज रोड से गिरफ्तार कर लिया. उनसे कड़ाई से हुई पूछताछ में जो तथ्य सामने आए उन्होंने सबको चौंका दिया. एटा के एसएसपी ने इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि प्रॉपर्टी के लालच में घटना के वादी मृतक जितेंद्र के सगे भाई धर्मेन्द्र ऊर्फ पंकज ने ही अपने साथी मीट की दुकान चलाने वाले प्रिवेंद्र के साथ मिलकर इस हत्याकांड और जानलेवा हमले को अंजाम दिया था. मृतक के सगे भाई धर्मेंद्र ऊर्फ पंकज ने अपने साथी घटनास्थल से कुछ दूर मीट की दुकान चलाने वाले प्रिवेंद्र को 5 लाख रुपये का लालच देकर इन हत्याओं को अंजाम देने के लिये तैयार किया था.


एटा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उदय शंकर सिंह ने बताया कि पुलिस करियर के दौरान उन्होंने ऐसा पहला केस पाया कि जिसमें अपने ही भाई की हत्या करने वाले ने वादी बनकर पहले मामले की एफआईआर करवाई और वहीं पुलिस का सहयोग भी किया और मृतकों का अंतिम संस्कार कराया. इसी के साथ पुलिस को गुमराह करने के लिये दोनों हत्याओं को ऑनर किलिंग का रूप देते हुए लड़की के मायके वालों को हत्या का जिम्मेदार बताते हुए एफआईआर करवाई.


आरोपी ने  एफआईआर में लिखवाया कि जितेंद्र और पिंकी ने परिवार वालों की मर्जी के खिलाफ प्रेम विवाह किया था इसीलिए लड़की के घर वाले धमकी देते थे कि दोनों की हत्या कर देंगे और मौका मिलते ही दोनों की हत्या कर दी. मृतक जितेंद्र और उसकी पत्नी पिंकी ने चार साल पहले अपने परिजनों की मर्जी के खिलाफ कोर्ट मैरिज कर प्रेम विवाह किए था.


यह भी पढ़ें:-


UP Politics: केशव प्रसाद मौर्य का दावा- अखिलेश यादव ने पिछड़ों और दलितों के लिए बनाई है ये रणनीति, बताई वजह