Ramcharitmanas Controversy: रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के बयान को लेकर छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार ट्वीट कर तमाम हमलों का जवाब दे रहे हैं और अपने बयान पर कायम हैं. अब इस पूरे मामले पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) पर निशाना साधा है. मौर्य ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर जो बयान दिया है वो उनका अपना बयान नहीं हैं बल्कि ये बयान अखिलेश यादव और उनके कुनबे का है.


केशव प्रसाद मौर्य ने इस तरह की बयानबाजी को जहरीला बताया. उन्होंने अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी की इस राजनीति से प्रदेश का माहौल खराब हो रहा है. ऐसी राजनीति से सपा को दलितों और पिछड़ों का साथ नहीं मिलेगा. केशव मौर्य ने कहा कि रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने जो विवादित बयान दिया है वो उनका अपना बयान नहीं है बल्कि ये अखिलेश यादव और उनके कुनबे का है. ये प्रदेश के माहौल को विषैला करने की नाकाम कोशिश है. उन्हें लगता है कि वे ऐसे बयान देकर पिछड़ों, दलितों को अपने साथ कर लेंगे लेकिन उनका भविष्य प्रदेश में तो है ही नहीं.



केशव मौर्य ने साधा अखिलेश यादव पर निशाना


इससे पहले भी केशव मौर्य ने अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा था सपा ने हमेशा राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का विरोध किया. शिव भक्तों पर लाठी चलाने काम किया, दंगे करवाने काम किया, गुंडे माफियाओं को संरक्षण देने का काम किया है. हम तो कहते हैं कि अखिलेश यादव रोज मंदिर जाएं, 10 मंदिरों के पुजारी बन जाए और रोजाना यज्ञ अनुष्ठान कराएं. यह तो बीजेपी की वैचारिक विजय है और ये उनकी 2014 के बाद राजनीतिक मजबूरी है, वरना रोजा इफ्तार पार्टी के अलावा ये करते क्या थे. 


दरअसल, रामचरितमानस विवाद को लेकर बीजेपी लगातार स्वामी प्रसाद मौर्य और समाजवादी पार्टी पर हमला कर रही है. सपा ने इसे मौर्य का व्यक्तिगत बयान कहकर पल्ला झाड़ लिया है लेकिन पिछले दिनों जिस तरह से स्वामी प्रसाद को प्रमोशन कर उन्हें पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया उससे साफ हैं कि मौर्य को अखिलेश यादव का मौन समर्थन मिला हुआ हैं. वहीं अखिलेश यादव ने भी कहा कि वो सीएम योगी आदित्यनाथ से सवाल करेंगे कि वो बताएं कि सदन में कौन-कौन शूद्र हैं. जाहिर है सपा ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है और वो इस तरह के बयानों के सहारे पिछड़े समाज, दलित और मुस्लिमों को अपने पाले में करने की कवायद में जुटी है.


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