Moradabad News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुरादाबाद (Moradabad) को दुनिया भर में पीतल के हैंडी क्राफ्ट उत्पादों की वजह से पीतल नगरी के नाम से जाना जाता है. यहां के पीतल बाज़ार के करोबारियों को भी वित्त मंत्री के बजट से काफी उम्मीदें लगी हुई हैं. पीतल कारोबारियों को उम्मीद है कि इस बार के बजट में वित्त मंत्री टैक्स में कुछ छूट देंगी और कच्चे माल के आयात पर भी इम्पोर्ट ड्यूटी कम कर दें, तो मंदी की मार झेल रहा पीतल उद्योग फिर से सुनहरी चमक देने लगेगा.


पीतल कारोबारियों का कहना है कि कोरोना की वजह से बाज़ार में मंदी का जो दौर शुरू हुआ था उससे बाज़ार अभी तक उबर नहीं पाया है. साथ ही जीएसटी का रिफंड भी नहीं मिल पा रहा है. इसलिए इस बजट में कुछ सरल किया जाये और पीतल बनाने के लिए जो तांबा और जस्ता विदेशों से आयात किया जाता है. अगर उस पर इम्पोर्ट ड्यूटी कम हो जाये तो बाज़ार में पीतल उत्पादों को बढ़ावा मिल जाएगा क्योंकि कच्चा माल महंगा होने और लेबर चार्ज बढ़ने से पीतल के बर्तन बहुत महंगे में तैयार होते हैं. ऐसे में ग्राहक ज्यादा महंगा माल खरीद नहीं पाता है, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगर पीतल उद्योग के लिए बजट में कुछ राहत दे दें तो छोटे कारोबारी और दस्तकार इससे खुश होंगे.


पीतल कारोबारियों को बजट से काफी उम्मीदें
यहां के पीतल कारोबारियों को उम्मीद है कि जिस तरह मुरादाबाद के शिल्प गुरु दिलशाद हुसैन को भारत सरकार की तरफ से पद्मश्री अवार्ड दिलाया गया है. उस से उन्हें लगता है कि इस बार के बजट में भी मुरादाबाद के पीतल उद्योग के लिए वित्त मंत्री ने जरूर कुछ न कुछ तोहफा रखा होगा. मुरादाबाद के पीतल कारोबारियों को वित्त मंत्री के बजट से काफी उम्मीदें लगी हुई है.


पीतल उद्योग से जुड़े जानकारों के मुताबिक मुरादाबाद में लगभग ढाई से तीन हजार एक्सपोर्ट फर्म्स हैं और कई हजार कारखाने हैं. मुरादाबाद से साल 2020-21 में लगभग 7 हजार करोड़ के पीतल हैंडी क्राफ्ट का निर्यात हुआ और साल 2021-22 में यह घट कर साढ़े छह हजार करोड़ रह गया और अब साल 2022-23 में यह और घट कर 5 हजार करोड़ तक रह जाने की उम्मीद है. इसके अलावा मुरादाबाद से हर साल लोकल कारोबार भी लगभग 500 से 700 करोड़ का होता है, लेकिन यहां के कारोबारियों को लगातार मंदी की मार झेलनी पड़ रही है, इसलिए अब उन्हें वित्त मंत्री से एक अच्छे बजट की उम्मीद है ताकि पीतल कारोबार को बढ़ावा मिल सके .


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