UP Politics: सपा को बड़ी 'चोट' देने की तैयारी में BJP? इन पार्टियों के लिए भी झटका, यूपी के अलावा इन दो राज्यों में होगा असर
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी (BJP) समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को बड़ी चोट देने की तैयारी में लगी हुई है. इसका संदेश बीते दिनों आरएसएस (RSS) ने श्रद्धांजलि संदेश के दौर पर दिया है.
UP News: यूपी, बिहार (Bihar) और हरियाणा (Haryana) में यादव वोटों को सेंध लगाने के लिए आरएसएस (RSS) ने श्रद्धांजलि संदेश दिया है. हरियाणा में चल रहे तीन दिवसीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले (Dattatreya Hosabale) ने मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) और शरद यादव (Sharad Yadav) को श्रद्धांजलि दी. इसके अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी को श्रद्धांजलि दी गई.
श्रद्धांजलि के लिए 100 नेताओं की लिस्ट में मुलायम सिंह यादव और शरद यादव का नाम शामिल था. मुलायम सिंह यादव और शरद यादव की राजनीति आरएसएस के विरोध में ही देखी जाती रही है. मुलायम सिंह यादव ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण का विरोध किया था. जिस वजह से अयोध्या में कारसेवकों पर लाठियां और गोलियां चलाने का मुद्दा आज भी चुनाव में हावी रहता है.
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ये दांव रहे हैं सफल
लोकसभा चुनाव से पहले आरएसएस के श्रद्धांजलि संदेश में भविष्य की राजनीति के संकेत छिपे हैं. बीजेपी पांच साल से यादव वोट बैंक पर पकड़ बनाने में जुटी है. पार्टी ने आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को प्रत्याशी बनाने का सफल प्रयोग किया. इससे पहले भी आजमगढ़ में रमाकांत यादव को उम्मीदवार बनाकर बीजेपी चुनाव जीत चुकी है. विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अखिलेश यादव के विरोधी यादवों को साधने का दांव चला था.
मुख्यमंत्री ने मुलायम सिंह यादव और सपा नेता शिवपाल सिंह यादव को भरपूर सम्मान दिया था. केंद्र सरकार ने मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उन्हें पदम विभूषण से सम्मानित किया. प्रधानमंत्री ने मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद ट्वीट करके उनकी यादें साझा की थीं. इसके अलावा बीजेपी ने हरनाथ सिंह यादव को राज्यसभा का सदस्य बनाया. जबकि शिवपाल सिंह यादव के सहकारिता से वर्चस्व खत्म करने के लिए उनके ही करीबी रहे संतराज यादव को चुना. अब अगर बीजेपी अपनी इस योजना में कामयाब होती है तो सपा, राजद और तमाम क्षेत्रीय दलों को झटका लग सकता है.