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UP: अलीगढ़ में कोरोना वैक्सीन कूड़े में फेंकने वाली नर्स को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका, अग्रिम जमानत अर्जी हुई खारिज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि तमाम लोगों की जिंदगी खतरे में डालने वाली नर्स को राहत नहीं दी जा सकती.
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अलीगढ़ः उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में कोविड वैक्सीन की लोडेड सिरिंज कूड़े में फेंककर लोगों की ज़िंदगी से खिलवाड़ करने के बेहद चर्चित और सनसनीखेज मामले में आरोपी नर्स निहा खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. हाईकोर्ट ने संविदा पर काम करने वाली आरोपी एएनएम निहा की अग्रिम जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया. अदालत ने सुनवाई के दौरान इसे बेहद गंभीर मामला माना और टिप्पणी करते हुए कहा कि दर्जनों लोगों की ज़िंदगी खतरे में डालने वालों को कोई राहत नहीं दी जा सकती.
जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने मामले की गंभीरता और यूपी सरकार के विरोध के आधार पर निहा खान को कोइ राहत देने से इंकार करते हुए उसकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी. यूपी सरकार की तरफ से निहा की अग्रिम जमानत अर्जी का पुरजोर तरीके से विरोध किया गया. राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और अपर शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड ने पक्ष रखते हुए याचिकाकर्ता को कोई राहत नहीं देने की सिफारिश की.
क्या है पूरा मामला
निहा खान का चर्चित मामला अलीगढ़ के जमालपुर प्राइमरी हेल्थ सेंटर का है. निहा खान यहीं संविदा पर एएनएम के पद पर तैनात थी. बीती 22 मई को आरोपी निहा खान वायल से वैक्सीन को सिरिंज में लेकर लोड करने के बाद लोगों को सुई चुभाकर वैक्सीन की डोज़ कूड़ेदान में फेंक रही थी. आरोपी नर्स वैक्सीन लगाने के बजाय उसे कूड़ेदान में फेंक रही थी. स्टाफ की एक महिला ने निहा की इस हरकत पर ऐतराज जताया था, लेकिन इसके बावजूद वह लोगों को वैक्सीन लगाने के बजाय उसे कूड़ेदान में फेंक रही थी. इस मामले को लेकर हुई छापेमारी में कूड़ेदान से 29 लोडेड सिरिंज बरामद की गई थीं.
मामला सामने आने के बाद पूरे विभाग में हड़कंप मच गया. आरोपी एएनएम निहा और सेंटर प्रभारी डॉ. आरफीन जेहरा समेत तीन लोगों के खिलाफ जांच के बाद गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी. निहा के खिलाफ आईपीसी की धारा 203, 176, 465, 120 B, महामारी एक्ट की धारा 3 व 4 और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की रोकथाम के अधिनियम 1984 की धारा 4 के तहत केस दर्ज किया गया था. इसके बाद आरोपी निहा खान की संविदा समाप्त कर दी गई थी.
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