Rajasthan News: राजस्थान के कोटा (Kota) में कोचिंग की सफलता का उत्सव 'विक्ट्री कार्निवल' दशहरा मैदान में मनाया गया. यहां नीट और जेईई-2023 के रिजल्ट में सफल रहे स्टूडेंट्स का सम्मान किया गया. स्टूडेंट्स अपने परिजनों के साथ समारोह में शामिल हुए. कार्निवल थीम पर आयोजित कार्यक्रम में स्टूडेंट्स और उनके अभिभावकों में उत्साह देखते ही बन रहा था. रैंक के आधार पर अलग-अलग बैच के अनुसार स्टूडेंट्स का सम्मान करने के लिए फैकल्टी मंच पर आई. स्टूडेंट परिवार के साथ मंच पर नाचते-गाते आए और फैकल्टी से सम्मान प्राप्त किया.


कार्यक्रम में देशभर से करीब दो हजार भावी आईआईटीयन और डॉक्टर्स शामिल होने कोटा आए, जिन्हें गिफ्ट देकर सम्मानित किया गया. इन स्टूडेंट्स में कई ऐसे थे जिनके पीछे की कहानी बड़ी ही इमोशनल और मोटिवेशनल थी. किसी के पिता ने बकरी चराते हुए बेटियों को आगे बढ़ाया तो किसी ने खेती करके. वहीं किसी ने अपने गहने बेचकर अपने बच्चे को पढ़ाया.


'अच्छे डॉक्टर्स और इंजीनियर बनने के साथ अच्छे इंसान बनो'
डॉ. गोविन्द माहेश्वरी ने कहा कि अच्छे डॉक्टर और इंजीनियर बनने के साथ-साथ अच्छा इंसान भी बने रहना है. अपने परिवार, समाज की सेवा का भाव सदैव मन में रखें. कार्यक्रम में विपरीत परिस्थितियों में रहते हुए सफलता प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स का भी सम्मान किया गया. इसमें सीकर से एक ही परिवार की दो बहनें ऋतु और करीना को मंच पर बुलाया गया. दोनों बहनों के पिता चरवाहा हैं और बकरियां चराते हुए उन्होंने अपनी बेटियों को डॉक्टर बनाया. कैंसर के बाद भी पिता बेटी का कार्यक्रम देखने कोटा आए. 


पिता को लीवर डोनेट करने वाली छात्रा का हुआ सम्मान
इसी तरह नीट की पढ़ाई के दौरान ही अपने पिता की बीमारी के चलते अपना लीवर डोनेट करने वाली छात्रा स्नेहा ने पिता का सपना सच किया. पिता की मौत के बाद खुद को विचलित नहीं करते हुए पढ़ाई की और सफलता हासिल की. कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण कार्निवल परेड रही. इस परेड में अलग-अलग कलाकार झूमते-नाचते हुए स्टूडेंट्स के बीच से निकले. परेड में कार्टून करेक्टर, विटेंज कार, जोकर, बैलेंसिंग गेम, डांस धूम सहित कई चीजें थी.
   
पुराने दोस्त मिले तो खिले बच्चों के चेहरे
कार्निवल में करीब एक साल बाद पुराने दोस्तों से बच्चे मिले तो खूब बातें और मस्ती की. सुबह से ही स्टूडेंट्स का आना शुरू हो गया, जो रात तक जारी रहा. जैसे-जैसे स्टूडेंट्स पहुंचते गए शोर बढ़ता गया. यहां पुराने दोस्त मिलने लगे, ग्रुप बनने लगे और फिर कहीं फिल्मी गीतों पर डांस हुआ तो कहीं सेल्फी और फोटो का दौर चला. दोस्तों के साथ खुशियां और बढ़ गई. सभी ने एक दूसरे से अपने-अपने कॉलेज के अनुभव बांटना शुरू किया, इसके साथ ही कोटा की यादें ताजा की और यहां के पुराने दिन याद किए.



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