Mahashivratri 2023: भरतपुर में 'बम-बम भोले' के जयकारों से गूंज रहे शिवालय, बैंड-बाजे और कलश के साथ झूमते नजर आए भक्त
Mahashivratri : भरतपुर में भी शनिवार को महाशिवरात्रि धूमधाम से मनाई जा रही है. भागवान शिव और आदि शक्ति माता पार्वती के विवाह के इस पर्व पर मंदिरों में भीड़ है. कांवड़िये गंगाजल से अभिषेक कर रहे हैं.
Mahashivratri 2023 Celebration in Bharatpur: राजस्थान के भरतपुर जिले में भी शनिवार को भोले शंकर और महागौरी के विवाह से जुड़ा भक्ति उत्सव पर्व महाशिवरात्रि मनाया जा रहा है और चारो तरफ बम -बम भोले के जयकारे गूंज रहे हैं, जहां शहर के शिवालय श्मशानेश्वर महादेव, चौदह महादेव, अर्द्धनारीश्वर महादेव, पंचमुखी हनुमान मंदिर सहित गांव,कस्बों में भक्ति पर्व को लेकर खासा उल्लास है, महिला,पुरुष,बालक,बालिकाएं, शिव भक्त आज व्रत रख मंदिरों व घरों में विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर रहे हैं. भरतपुर शहर के प्राचीन हो रहा है और कलश यात्रा चल रही है.
कांवड़िये गंगाजल लाकर कर रहे भोलेनाथ का अभिषेक
बाजार में पूजन सामग्री की खरीदारी को लेकर चहल-पहल है, गाजर, बेर, बेल-पत्र सहित तमाम फल- फूल जुटाने की जुगत में शिव भक्त सुबह से नजर आ रहे हैं. गंगाजी से पैदल चलकर कावड़िये गंगाजल लेकर आ रहे हैं और शहर में कावड़ियों की आवाजाही जारी है. शहर में जगह-जगह बैण्ड बाजों के साथ महिलाएं कलश लेकर शिवालयों में नाचते गाते जाती नजर आई. भक्तों की भीड़ को देखते हुए जिला पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा- व्यवस्था के लिए शिवालयों में पुलिसकर्मी तैनात किए हैं, जिससे व्यवस्था सही बनी रहे.
सभी शिवालयों में सुबह से लगा है भक्तों का तांता
जिले के सभी शिवालयों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. शाम को भरतपुर के श्मशानेश्वर महादेव मंदिर पर जिन्दा सर्प की झांकी सजाई जाएगी सुबह से ही भजन-कीर्तन का आयोजन हो रहा है. गंगाजी से कावड़ लेकर आने वाले लोग गंगाजल से शिव भगवान का अभिषेक कर रहे हैं.
फाल्गुन के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है महाशिवरात्रि
चौदह महादेव मंदिर के पंडित राहुल भारद्वाज ने बताया कि वैसे तो रात्रियां कई आती हैं लेकिन महाशिवरात्रि का महत्व अलग है. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि मनाई जाती है. महाशिवरात्रि के दिन भोले बाबा के भक्त विभिन्न प्रकार से शिव परिवार का अभिषेक करते हैं. पूजा से काल सर्प दोष, ग्रह दोष और विष दोष आदि दूर हो जाते है. महाशिवरात्रि के पावन पर्व की हिन्दू धर्म में भगवान भोले के प्रति विशेष आस्था होती है.
महाशिवरात्रि के पावन पर पर्व लोग महादेव की प्रसन्नता और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भांग, धतूरे, बेल-पत्र और दूध आदि से उनका अभिषेक करते हैं. शिवलिंग का दुग्धाभिषेक ,पंचामृत अभिषेक,गंगाजल अभिषेक कर बेलपत्र, धतूरा,भांग का भी भोग लगाकर महादेव की पूजा करते हैं. जिससे भक्तों की मनोकामना पूरी होती है.
ये भी पढ़ें :-Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर शिवालयों में गूंज रहा 'हर-हर महादेव', आज बन रहा ये अजब संयोग