Kota Police Prevents Suicide: कोटा शहर में कोचिंग स्टूडेंट्स के लगातार सुसाइड मामलों की चर्चा काफी सुनाई और दिखाई दी जा चुकी है. इसी बीच कोटा में एक लाइव सुसाइड को कोटा पुलिस ने रोकने में सफलता हासिल की. इसके लिए शहर पुलिस अधीक्षक कोटा शरद चौधरी ने पूरी कोटा पुलिस को बधाई देते हुए परिजनों से भी आव्हान किया है कि बच्चा अगर ठीक से पढ़ाई नहीं कर पा रहा है तो उसे वापस बुला लें, उस पर प्रेशर न डालें. कोटा जिला कलेक्टर से भी नीट की पढ़ाई को लेकर समस्या आई तो वह भी कोटा छोड़कर चले गए थे और आज उसी शहर में कलेक्टर बनकर आए हैं.


वाराणासी साइबर सेल से कोटा पुलिस को मिली थी सूचना 
शहर पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि वाराणसी साइबर सेल के माध्यम से एक सूचना कोटा पुलिस को मिली कि वाराणासी में एक बच्चे ने सुसाइड किया और उसका मित्र जो कोटा में नीट की तैयारी कर रहा है और महाराष्ट्र का निवासी है वह सुसाइड कर सकता है. एडिशनल एसपी संजय गुप्ता के पास आई सूचना के आधार पर सभी काम छोड़कर सभी साइबर सेल के अधिकारियों को इस काम में लगाया और सूचना को डेवलप किया गया. बच्चे की लोकेशन निकाली गई और सुसाइड रोकने के लिए पूरे प्रयास किए गए. 


पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बच्चे को काफी समय तक उलझाए रखने की कोशिश की गई. क्योंकि हम उसे बचाना चाहते थे और कुछ देर बाद ही स्टूडेंट ने मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया. हालांकि, लोकेशन के आधार पर उसके हॉस्टल पर पहुंचे और उस कमरे तक भी पहुंचे और फिर बच्चे को सुरक्षित बचा लिया गया. 


स्टूडेंट के व्यवहार में परिवर्तन आए तो सावधान रहें
शहर पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि बच्चें को बचाए जाने के बाद उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया. जब उस बच्चे से बात की तो स्थिति अवस्थित थी, घबराया हुआ था. उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि कुछ भी कर सकता था. उसने एक ग्रुप में पोस्ट शेयर की थी जिसमें सुसाइड की बात सामने आई थी. उसी के चलते यह सभी प्रयास किए गए. आईजी की विदाई पार्टी की कोटा पुलिस तैयारी कर रही थी, लेकिन सभी काम छोड़कर पहले बच्चे को बचाया गया.


आत्महत्या वाला रुख त्याग दें बच्चे
एसपी ने कहा कि जीवन बहुत कीमती है. छोटी-मोटी समस्याएं हर किसी के जीवन में आती हैं. आत्महत्या वाला रुख हमें त्यागना होगा. पढ़ने आए हैं, पढ़ाई करिए, मन नहीं लग रहा तो पेरेंट्स से रिक्वेस्ट करना चाहूंगा कि वह बच्चे को वापस ले जाएं. जबरदस्ती यहां न रखें. उन्होंने पीजी हॉस्टल संचालकों से भी कहा कि गेट कीपर ट्रेनिंग भी वह करवाएं और अगर किसी भी बच्चे में सिंपटम नजर आए तो वह पुलिस के किसी भी अधिकारी को कॉल करें हम हर संभव मदद करने के लिए तत्पर हैं. 


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