Rajasthan News: राजस्थान के कोटा में राजस्थानी एसोसिएशन ऑफ स्पाइसेस (Rajasthani Association Of Spices) ने दो दिवसीय रीजनल बिजनेस मीट आयोजित किया. इस मीटिंग में मसाला उद्योग से जुड़े व्यापारी, किसान और अन्य लोगों ने मसाले की गुणवत्ता के साथ रोजगार दिए जाने और राजस्व अर्जित करने सहित कई विषयों पर मंथन किया. रविवार (11 फरवरी) को उद्यमियों ने सरकार के सामने अपनी बात रखी और व्यापार के विस्तार की नई संभावनाओं पर चर्चा की.


इस कार्यक्रम के दौरान राजस्थानी एसोसिएशन ऑफ स्पाइसेस (रास) संस्था के प्रदेश अध्यक्ष श्याम जाजू ने कहा कि प्रदेश में हर साल लगभग 12 हजार करोड़ के मसाले से जुड़ी फसलों का उत्पादन होता है. लेकिन यहां मंडी टैक्स अधिक होने से कुल उत्पादन का 75 प्रतिशत कारोबार अन्य राज्यों में हो रहा है, जिसकी वजह से प्रदेश को बड़े राजस्व की हानि के साथ ही किसानों को भी नुकसान हो रहा है. इस बिजनेस मीटिंग में देश-विदेश से मसाला उद्योग से जुड़े उद्यमी, व्यापारी और किसान शामिल हुए.


'मसालों में प्राचीन काल से आयुर्वेदिक औषधि गुण' 
इस मौके पर उर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि मसाला उद्योग से जुड़े व्यापारियों, उद्यमियों और किसानों को फसलों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी, उसकी क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है, ताकि हमारा माल विदेशों में अधिक से अधिक निर्यात हो सके. जिससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था बेहतर हो और यहां के किसानों, व्यापारियों को उसका फायदा मिल सके. इससे यहां रोजगार के अवसर पैदा हो सकेंगे. उर्जा मंत्री नागर ने कहा कि कोटा में पहले लहसुन सब्जी के रूप में परिभाषित था, इसके लिए कोटा के व्यापारियों, लोकसभा अध्यक्ष और हमने मिलकर प्रयास किया और लहसुन को मसाले की श्रेणी में जगह दिलाई.


इसका फायदा यह हुआ कि आज हमारे कोटा की भामाशाह मंडी में आज लहसुन की इतनी आवक होती है कि ऑफ सीजन में सीजन के बराबर की आमदनी व्यापारियों को होने लग गई. उन्होंने कहा कि मसाले प्राचीन काल से हमारे भोजन में शामिल हैं, उनके आयुर्वेदिक औषधि गुण हैं जो कि हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हैं. व्यापारियों को उनके गुणों को भी प्रचारित करना चाहिए, ताकि लोग उन्हें औषधि के रूप में उनका सेवन करें. जिसका फायदा किसानों को भी होगा और बाजार में मांग बनी रहेगी जिससे भावों में अचानक से तेजी और मंदी नहीं आएगी.
 
'नए उद्योगों से एक लाख लोगों को मिल सकता है रोजगार'
राजस्थानी एसोसिएशन ऑफ स्पाइसेस (रास) संस्था के सचिव महावीर गुप्ता ने कहा कि यदि मध्य प्रदेश और गुजरात की तर्ज पर यहां भी राजस्थान सरकार मंडी टैक्स कम कर दे, तो सरकार को तो करोड़ों रुपयों के राजस्व का फायदा होगा. साथ ही प्रदेश में मसाले से जुड़े लगभग एक हजार नए उद्योग स्थापित होने की संभावनाओं के साथ ही एक लाख लोगों को रोजगार मिल सकेगा. साथ ही किसानों को भी उनकी उपज का सही मूल्य मिलने के साथ ही दूसरे राज्यों में उपज ले जाने में खर्च भी बचेगा. इस बारे में सरकार को सकारात्मक रूप से मंडी टैक्स कम करने पर विचार करना चाहिए.


'सेटेलाइट सर्वे से किसानों ये पता चलेगा'
सेमीनार में संस्था द्वारा राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के 18 जिलों के कराए गए सेटेलाइट सर्वे की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. इसमें बताया गया कि संस्था द्वारा इन राज्यों में किसानों के खेतों का सर्वे कराया गया. इस तकनीक के माध्यम से यह फायदा होगा कि मसाला उद्योग से जुड़े व्यापारियों और कंपनियों, किसानों को यह अनुमान लग सकेगा कि कितना प्रोडक्शन होगा और डिमांड के अनुरूप कितना और बढ़ाना चाहिए. साथ ही सेटेलाइट सर्वे से किसानों को फसल के स्वास्थ्य की रिपोर्ट के साथ ही पौधे में रोग का कारण और उसका निवारण भी मिल सकेगा.


राजस्थान के मसालों की है ये खूबी
संस्था सचिव महावीर गुप्ता ने कहा कि राजस्थान के मसाले की खुशबू और उनकी तासीर पूरी दुनिया में सबसे बेहतर है. इनको तीन साल तक रखने पर भी खराब नहीं होते, जबकि अन्य राज्यों के मसाले दो महीने में ही खराब हो जाते हैं. हमारे प्रदेश के मसालों की यह खूबी किसानों और व्यापारियों के लिए काफी फायदेमंद है, इससे इनके भंडारण में भी ज्यादा खर्च नहीं होता.  






ये भी पढ़ें- Rajasthan: राजस्थान पुलिस ने अपराधियों के लिए चलाया विशेष अभियान, 8,368 बदमाशों को किया गिरफ्तार