Rajasthan News: राजस्थान के जयपुर में प्लाज्मा चोरी (Plasma Theft) का मामला सामने आया है. इसके बाद ने जे के लोन अस्पताल (J K Lone Hospital) के ब्लड बैंक के प्रभारी के ऊपर गाज गिरी है. राजस्थान की भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) सरकार ने उन्हें हटा दिया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि मामले में सरकार की ओर से जांच कराई गई है. जांच में डॉ. सत्येंद्र चौधरी को निगरानी में लापरवाही करने का दोषी पाया गया है. वहीं, इस मामले में प्लाज्मा चोरी करने वाले एक कर्मचारी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.


दरअसल, अस्पताल के एक लैब टैक्निशयन को बीते रविवार को ब्लड बैंक से प्लाज्मा चोरी करते हुए पाया गया था. इसके बाद ब्लड बैंक प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की गई है. मेडिकल एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि सत्येंद्र चौधरी को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया गया है. उन्हें फिलहाल एपीओ ( एवेटिंग पोस्टिंग ऑडर्स) में रखा गया है. यानी कि उन्हें अपनी अगली पोस्टिंग का इंतजार करना होगा. 


ब्लड बैंक के सीसीटीवी कैमरे के टूटे थे तार
शुभ्रा सिंह ने कहा कि लैब टेक्निशियन किशन सहाय कटारिया को भी निलंबित कर दिया गया है और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इस मामले में कमिटी ने जांच की और अपनी रिपोर्ट पेश की जिसमें बताया गया है कि ब्लड बैंक की रिकॉर्डिंग के लिए सीसीटीवी कैमरा उपलब्ध नहीं थे. प्लाज्मा स्टोर रूम में लगाए गए सीसीटीवी कैमरा के तार टूट हुए थे और कैमरा के साथ भी छेड़छाड़ की गई थी. इसलिए डॉ. सत्येंद्र चौधरी और किशन कटारिया के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. 


इलाज की जगह इस काम में होता था इस्तेमाल
वहीं, यह कमेटी इस बात का भी पता लगा रही है कि अस्पताल से कब से प्लाज्मा चोरी किए जा रहे थे. यह जानकारी भी सामने आई है कि प्लाज्मा का इस्तेमाल मरीजों के लिए नहीं बल्कि प्रोटीन बनाने के लिए किया जाता था. जबकि लैब टेक्नीशियन प्राइवेट अस्पतालों को प्लाज्मा बेच रहा था. सस्पेंड किया गया लैब टेक्नीशियन अभी फरार है जिसकी तलाश की जा रही है.


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