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Bundi News: बेटियों को शिक्षा से जोड़ने की अनूठी पहल, स्कूल के इस नए कदम से लगातार बढ़ता ही जा रहा बेटियों का एडमिशन
Rajasthan News: स्कूल में तीन वाटिकाएं बनाई गईं हैं. इनका नाम बेटियों के नाम पर रखा गया है. इसके सार्थक नतीजे भी सामने आए हैं. स्कूल में छात्राओं की संख्या बढ़ गई है.
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Rajasthan News: राजस्थान के बूंदी में सरकारी स्कूल (Bundi Government School) में बेटियों के नाम पर वाटिका स्थापित करने की पहल की गई है. यहां जिले के पीपल्या गांव स्थित राजकीय सीनियर सैकंडरी स्कूल के शिक्षकों द्वारा यह पहल की गई है. शिक्षकों ने बेटियों को शिक्षा से जोड़ने के लिए अनूठी पहल करते हुए स्कूल में तीन वाटिकाएं बनाई हैं. इनका नाम बेटियों के नाम पर रखा गया है. इसके सार्थक नतीजे भी सामने आए हैं. स्कूल में छात्राओं की संख्या बढ़ गई है. यह काम टीम भावना से आगे बढ़ रहा है. चौथी वाटिका भी तैयार हो रही है, जिसका नाम विद्या की देवी सरस्वती के नाम पर रखा गया है.
लेक्चरर ने क्या बताया
स्कूल के लेक्चरर शंभू दयाल ने बताया कि, बूंदी रोड स्थित पीपल्या स्कूल जब नए भवन में स्कूल शिफ्ट हुआ, तब स्कूल में एकमात्र बड़ का पेड़ था. शुरू में स्कूल के पूर्व छात्रों के साथ छात्रों ने एक ग्रुप बनाया जिसमें हरियाली के लिए फुलवारी और पौधे लगाने की योजना बनाई गई. काम शुरू करने से पहले एक टीम पर्यावरण संरक्षण के नाम पर बनाई गई. उसी टीम ने बालिकाओं के नाम पर वाटिका बनाने का निर्णय लिया और सपने को साकार किया. अब इस स्कूल में जो भी एडमिशन करवाने आता है तो हमारी इस सोच की बहुत तारीफ करता है. बेटियों के नाम पर वाटिका के नाम रखने से क्षेत्र में स्कूल का नाम भी काफी ऊंचा हुआ है.
ऐसे हुआ वाटिका का निर्माण
स्कूल में पहली वाटिका का निर्माण साल 2019 में जब लॉकडाउन लगा तो योजना बनाकर काम शुरू किया गया. इसके बाद वाटिका बनाई. वाटिका तैयार होने के बाद टीम के सदस्यों की राय से वाटिका का नाम स्कूल की पूर्व छात्रा नंदिनी के नाम रखा गया जबकि साल 2020-2021 में दूसरी वाटिका का काम शुरू किया गया. इसका नाम प्रेरणा बगिया रखा गया. प्रेरणा भी स्कूल की छात्रा रही हैं. ऐसे ही तीसरी वाटिका का काम वर्ष 2021-2022 में शुरू किया, जिसका नाम गुड़िया वाटिका रखा गया क्योंकि छोटी बेटियों को अक्सर गुड़िया नाम से ही पुकारते हैं.
प्रेरणा और गुड़िया वाटिका का निर्माण स्कूल की चारदीवारी के बाहर मेनगेट से दोनों तरफ किया गया है. चारदीवारी के बाहर बनाई गई वाटिकाओं की सुरक्षा के लिए पत्थर के पिलर के सहारे लोहे की जाली लगाई गई है, ताकि पौधों को मवेशी नुकसान नहीं पहुंचा सकें. वहीं चौथी वाटिका पर 14 जून से काम शुरू किया गया. इसका नाम मां सरस्वती के नाम पर रखा गया. प्रधानाचार्य अनुराधा वर्मा ने भी इसपर सहमति दी थी.
बेटियां किसी से कम नहीं-शिक्षक
शिक्षक शंभू दयाल ने बताया कि, देश में लगातार बेटियां हर सेक्टर में आगे बढ़ती जा रही हैं और किसी से कम नहीं हैं. हमारी सोच है कि स्कूल में बेटियों का नामांकन अधिक हो और हमारे प्रयास से बेटियों का नामांकन आगे बढ़ रहा है. यहां जितने छात्र नहीं हैं उतनी छात्राएं हैं. स्कूल में वर्तमान में 460 विद्यार्थियों में से छात्र 223, जबकि छात्राएं 237 हैं. अभी स्कूल में नामांकन चल रहा है.
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