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Lok Sabha Election: 'कोई लड़े दिक्कत नहीं', बारामती में 'ननद VS भाभी' मुकाबले पर सुप्रिया सुले का बड़ा बयान
Lok Sabha Election 2024: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में बारामती सीट पर अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार और सुप्रिया सुले के बीच मुकाबला हो सकता है. इस बीच शरद गुट की सांसद का बड़ा बयान सामने आया है.
![Lok Sabha Election: 'कोई लड़े दिक्कत नहीं', बारामती में 'ननद VS भाभी' मुकाबले पर सुप्रिया सुले का बड़ा बयान Supriya Sule VS Sunetra Pawar on Baramati Seat for Lok Sabha Election 2024 Reply to Ajit Pawar Lok Sabha Election: 'कोई लड़े दिक्कत नहीं', बारामती में 'ननद VS भाभी' मुकाबले पर सुप्रिया सुले का बड़ा बयान](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/20/b6f3a6ee37646cdd5fb6cd1b3f3d5e391708426315006359_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Baramati Lok Sabha Seat Candidate: लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र की बारामती सीट पर जबरदस्त घमासान देखने को मिल रहा है. इस साल बारामती सीट पर ननद VS भाभी होने की संभावना है. खबर है कि इस सीट पर सुप्रिया सुले का मुकाबला अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार से हो सकता है. अब सुप्रिया सुले का एक बयान सामने आया है. सुले ने कहा, मेरा काम देखिए, मुझ पर कभी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा. मैं मुख्यमंत्री बनने के लिए कहां जाउंगी? लोकतंत्र में राय व्यक्त करने का अधिकार है और विपक्ष को ईमानदार होना चाहिए.' उन्होंने कहा कि अगर वैचारिक लड़ाई है तो घर का कोई भी व्यक्ति मेरे खिलाफ लड़ ले तो कोई फर्क नहीं पड़ता.
पार्टी और सिंबल की लड़ाई पर प्रतिक्रिया
सुप्रिया सुले ने पार्टी और सिंबल को लेकर चल रही लड़ाई पर भी टिप्पणी की. सुले ने कहा, हम सिर्फ न्याय मांग रहे हैं. उन्हें योग्यता के अनुसार कार्य करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, देखिए पाकिस्तान में क्या हो रहा है, हमें वो नहीं करना चाहिए. राजनीति हमारे लिए एक वैचारिक लड़ाई है. क्या यह हमारी गलती थी कि हमने ईमानदारी से सेवा की?
वर्तमान में बारामती लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाली सुप्रिया सुले एनसीपी संस्थापक शरद पवार की बेटी हैं. एनसीपी के बागी गुट के नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा अब सुर्खियों में हैं. हालांकि उन्होंने पहले कभी चुनाव नहीं लड़ा है, लेकिन वह विधानसभा चुनावों के दौरान पवार परिवार के गढ़ में अपने पति के लिए सक्रिय रूप से प्रचार करती रही हैं.
बारामती सीट का पवार परिवार के लिए ऐतिहासिक महत्व है. शरद पवार ने खुद इस सीट से छह बार जीत हासिल की है. पिछले जुलाई में पार्टी से अलग होने के बाद अजित पवार ने लोकसभा चुनाव के लिए अपनी कमर कस ली है. इसलिए बारामती सीट जीतना उनके लिए महत्वपूर्ण हो गया है. बारामती वो सीट है जो बीजेपी की लिस्ट में "मुश्किल" सीटों में से एक है.
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