Maharashtra News: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार (31 मार्च) को कहा कि लोग मुगल बादशाह औरंगजेब को पसंद करें या न करें, लेकिन उसका मकबरा एक संरक्षित स्मारक है, लेकिन किसी को उसका महिमामंडन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि ‘कानून के दायरे से बाहर’ की ढांचों को हटा दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘हम औरंगजेब को पसंद करें या न करें, उसका मकबरा एक संरक्षित स्मारक है. हम किसी को भी उसका महिमामंडन नहीं करने देंगे.’’ दक्षिणपंथी संगठन छत्रपति संभाजीनगर जिले के खुल्ताबाद शहर में स्थित 17वीं सदी के मुगल शासक के मकबरे को हटाने की मांग कर रहे हैं.
नागपुर में हिंसा भड़क गई थीमकबरे को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन के दौरान एक पवित्र पुस्तक की पंक्तियां लिखी चादर के जलाए जाने की अफवाहों के कारण इस महीने की शुरुआत में नागपुर में हिंसा भड़क गई थी.
हम शिक्षा का भारतीयकरण कर रहे- सीएम
सीएम ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 की आलोचना करने वाले एक लेख में की गई टिप्पणी को भी खारिज कर दिया. इसमें दावा किया गया था कि केंद्र नई शिक्षा नीति का इस्तेमाल शिक्षा को सांप्रदायिक बनाने के लिए कर रहा है. फडणवीस ने कहा, ‘‘हम शिक्षा का भारतीयकरण कर रहे हैं. अंग्रेजों ने भारतीयों को अपना अधीनस्थ बनाने के उद्देश्य से एक शिक्षा प्रणाली शुरू की थी. शिक्षा के भारतीयकरण का कोई विरोध नहीं होना चाहिए. कोई भी देशभक्त इसका समर्थन करेगा. सोनिया गांधी को उचित जानकारी एकत्र करनी चाहिए और इस पहल का समर्थन करना चाहिए.’’
उन्होंने ब्रिटिश इतिहासकार टी बी मैकाले के एक पत्र का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि जब तक तत्कालीन शिक्षा प्रणाली में बदलाव नहीं किया जाता, अंग्रेज देश पर शासन नहीं कर पाएंगे.
कोई कानून को हाथ में न ले- सीएम
बैंकों में मराठी भाषा के इस्तेमाल की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की मांग के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी अपेक्षा की जाए वहां मराठी भाषा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और इसमें कुछ भी गलत नहीं है. हालांकि, उन्होंने आग्रह किया कि किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए.
नासिक कुंभ मेला पर क्या बोले?
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने नासिक में 2027 के कुंभ मेले और नदियों की सफाई के लिए कुछ अभियान शुरू किए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमने कुछ अभियान शुरू किए हैं, लेकिन इन कामों में समय लगता है. नगर निगमों, परिषदों, कस्बों और उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्टों को नदियों में छोड़ने से पहले उनका उपचार किया जाना चाहिए. हम उपचार संयंत्रों की स्थापना का समर्थन करते हैं. जब कुंभ मेला शुरू होगा, तो पवित्र स्नान के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध होगा.’’
अगले पांच सालों में कम होंगे बिजली के दाम- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्षों में बिजली की दरों में चरणबद्ध तरीके से कमी की जाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र विद्युत विनियामक आयोग (एमईआरसी) ने याचिकाएं स्वीकार कर ली हैं तथा गणना विधि को लेकर एमईआरसी और राज्य सरकार के बीच मतभेद है. भ्रम को दूर करने के लिए संशोधित याचिका प्रस्तुत की जाएगी. लोगों को सस्ती बिजली मिलेगी तथा वितरण कंपनी अगले चार से पांच वर्षों में कर्ज मुक्त हो जाएगी जिसपर फिलहाल 70-80 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है.’’
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