बारामती सीट पर ननद-भाभी में होगा चुनावी मुकाबला! शरद पवार के बाद अजित पवार ने घोषित किया उम्मीदवार
Maharashtra Lok Sabha Elections: बारामती सीट से शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले को मैदान में उतारा है तो वहीं अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा को टिकट दिया है. यहां पर पवार परिवार में मुकाबला है.
Baramati Lok Sabha Elections 2024: महाराष्ट्र की बारामती लोकसभा सीट पर पवार परिवार के बीच चुनावी जंग का ऐलान हो गया है. शनिवार 30 मार्च को पहले शरद पवार गुट ने इस सीट पर सुप्रिया सुले को टिकट दिए जाने का ऐलान किया. इसके कुछ ही देर बाद अजित पवार की एनसीपी ने अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी.
अजित पवार की पत्नी और सुप्रिया सुले की भाभी सुनेत्रा पवार बारामती सीट से चुनाव लड़ने वाली हैं.
सुनेत्रा ने महायुति नेतृत्व का जताया आभार
बारामती से अपनी उम्मीदवारी पर NCP उम्मीदवार सुनेत्रा पवार का कहना है, 'आज मेरे लिए बहुत बड़ा और भाग्यशाली दिन है. मैं विश्वास दिखाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को धन्यवाद देना चाहती हूं.' साथ ही उन्होंने प्रफुल्ल पटेल, रामदास अठावले, सुनील तेटतर, महादेव जानकर समेत महायुति के सभी नेताओं का आभार जताया है.
पवार परिवार की लड़ाई के चलते बारामती बनी हॉट सीट
मालूम हो, बारामती लोकसभा सीट पर शरद पवार का खासा प्रभाव है. यहां से शरद पवार चार बार सांसद रह चुके हैं. फिर उनकी बेटी सुप्रिया सुले लगातार साल 2009 से यहां से सांसद हैं और इस साल के चुनावी मैदान में भी उतर रही हैं. अब सुप्रिया के सामने उनकी भाभी सुनेत्रा पवार को टिकट दिया गया है, जिससे मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है.
बारामती लोकसभा सीट का इतिहास
जानकारी के लिए बदा दें कि बारामती लोकसभा सीट साल 1957 में इतिहास में आई थी. साल 1984 में शरद पवार पहली बार यहां से सांसद चुने गए थे. उस समय वे कांग्रेस कैंडिडेट थे. 1985 में शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने और सांसद की सीट छोड़ दी. साल 1991 में अजित पवार भी सांसद चुने गए थे, लेकिन उसी साल यहां उपचुनाव हुआ और शरद पवार ने जीत दर्ज की. इसके बाद 1996, 1998 में भी शरद पवार वापस आए.
साल 1999 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गठन के बाद शरद पनार ने नई पार्टी से चुनाव लड़ा और फिर जीत हासिल की. 2004 में फिर सांसद बनने के बाद साल 2009 में उन्होंने ये सीट बेटी सुप्रिया को दे दी. तब से लेकर अब तक यहां से सुप्रिया सुले सांसद हैं और आगे भी प्रतिनिधित्व के लिए तैयार हैं.
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