भोपाल हादसा: अस्पताल में चार बच्चों की मौत मामले में CM शिवराज सिंह चौहान ने उच्च स्तरीय जांच के साथ दिए ये आदेश
भोपाल: कमला नेहरू अस्पताल में लगी आग में 4 बच्चों की मौत हो गई. इस घटना पर दुख जताते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश के साथ अस्पतालों में फायर सेफ्टी ऑडिट के निर्देश दिए हैं.
भोपाल के सरकारी हमीदिया अस्पताल परिसर के कमला नेहरू अस्पताल में चिल्ड्रेन वार्ड में सोमवार रात 9 बजे आग लग गई थी. आग अस्पताल की तीसरी मंजिल पर लगी थी. काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया लेकिन इस हृद्यविदारक घटना में चार बच्चों की मौत हो गई और कई बच्चे झुलस गए.
मुख्यमंत्री ने आज कैबिनेट बैठक से पहले अस्पताल में लगी आग की स्थिति की समीक्षा की
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आज कैबिनेट बैठक से पहले हमीदिया अस्पताल में लगी आग की स्थिति की समीक्षा की और प्रदेश के सभी अस्पतालों को फायर सेफ्टी ऑडिट के निर्देश भी दिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं.
कैबिनेट बैठक से पूर्व संबोधन। #MadhyaPradesh https://t.co/gCT2m4gLtv
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) November 9, 2021
सीएम शिवराज सिंह चौरान ने बैक टू बैक कई ट्वीट कर घटना पर जताया दुख
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इससे पहले घटना पर काफी दुख जताते हुए ट्वीट कर कहा था कि, “घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और मैंने इसे गंभीरता से लिया है.जांच के निर्देश दिए हैं, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.”
घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और मैंने इसे गंभीरता से लिया है। जांच के निर्देश दिए हैं, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी: कमला नेहरू अस्पताल में आग लगने की घटना पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान pic.twitter.com/P1Mt0obfjK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 9, 2021
मुख्यमंत्री ने एक और ट्वीट किया
मुख्यमंत्री ने एक और ट्वीट करते हुए कहा- दुखद सूचना प्राप्त हुआ है कि एक और बच्चे को नहीं बचाया जा सका. यह हृदय विदारक है, मन दुखी है. पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. दुःख की इस घड़ी में पूरा प्रदेश उनके साथ है. उन्होंने आगे कहा कि अस्पताल के चाइल्ड वार्ड में आग की घटना बेहद दुखद है. बचाव कार्य तेजी से हुआ, आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश पहले से गंभीर रूप से बीमार होने पर भर्ती तीन बच्चों को नहीं बचाया जा सका.
दुखद सूचना प्राप्त हुई है कि एक और बच्चे को नहीं बचाया जा सका। यह हृदय विदारक है, मन दुखी है। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। दुःख की इस घड़ी में पूरा प्रदेश उनके साथ है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 8, 2021
घटना की जांच की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान को दी गई
गौरतलब है की मुख्यमंत्री ने घटना की जांच की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान को दी है. उन्होंने आज सुबह 9 बजे अस्पताल पहुंचकर स्थिति की समीक्षा की. इससे पहले चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी भोपाल के कलेक्टर अविनाश लवानिया और डीआईजी इरशाद वली के साथ अस्पताल पहुंचे थे. इस दौरान सारंग ने कहा कि परिजनों को उनके बच्चों से मिलवाया जाए. उन्होंने ये भी कहा कि 36 बच्चों का इलाज चल रहा है. मंत्री ने वार्ड को जल्द से जल्द शुरू करने के भी निर्देश दिए. बता दें कि फिलहाल नवजातों को कमला नेहरु अस्पताल की दूसरी मंजिल पर पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में रखा गया है. इनमें से 7 वेंटिलेटर पर हैं.
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