Jharkhand News: इन दिनों झारखंड के कई बड़े नेता अधिकारी और कारोबारी केंद्रीय जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं. समय समय पर इन बड़े चेहरों के यहां ईडी लगातार छापेमारी कर रही है. कुछ दिनों पहले ही विधायक प्रदीप यादव के यहां ईडी ने छापेमारी की, जिसे लेकर अब झारखंड में राजनीति भी देखने को मिल रही है. इधर कांग्रेस ने निशिकांत दुबे पर निशाना साधते हुए कहा कि सांसद निशिकांत दुबे का देवघर में दिये गये बयान से यह स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस विधायक दल के उपनेता प्रदीप यादव के घर आयकर एवं ईडी का छापा पूरी तरह राजनीत से प्रेरित है.


कांग्रेस का कहना है कि यह 2024 के चुनाव की तैयारी का हिस्सा है, क्योंकि जिस प्रकार सांसद प्रेस के माध्यम से ईडी के अधिकारियों को निर्देश दिया है यह साफ प्रतीत होता है कि निशिकांत दूबे एवं पूरी बीजेपी में बेचैनी किस प्रकार हावी है. निशिकांत दूबे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस महासचिव सह प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि विधायक प्रदीप यादव के यहां छापे के उपरांत 2.12 लाख एवं 12 हजार मात्र रूपैया मिला जो विधायक का आय का हिस्सा हैं, लेकिन सांसद निशिकांत दूबे को कांग्रेस से डर सता रही है कि कहीं 2024 में राज्य में उनका कुनबा पूरी तरह से साफ न हो जाए. कांग्रेस के विधायक के साथ कुछ कतिपय लोगों के साथ सांसद संबंध स्थापित कराने की ईडी पर दबाव बना रहे हैं. 


सांसद निशिकांत दुब्बे पर भी हो जांच, कांग्रेस को न करे बदनाम
राकेश सिन्हा ने कहा कि निशिकांत दूबे अपने आप को ईमानदार साबित करने के लिए दिन भर लगे रहते है उन्हें यह बताना चाहिए कि 40 करोड का सांसद फण्ड विवाह मंडप बनाने के लिए दिल्ली की एक कंपनी को दिया, लेकिन आज तक एक भी विवाह मंडप नहीं बना. इसकी जांच होनी चाहिए. निशिकांत दुबे की पूरी पोल खुल जाएगी.


सिर्फ कांग्रेस और कांग्रेस के विधायकों को बदनाम करने की जो राष्ट्रीय साजिश चल रही है उसी साजिश का हिस्सा प्रदीप यादव को भी बनाया गया है ताकि उनकी छवि को बदनाम किया जा सके क्योंकि जनता अब भाजपा को पूरी तरह नकार चुकी है. महंगाई, देशव्यापी बेरोजगारी, देश की गिरती अर्थव्यवस्था, भाजपा सांसद के अत्याचार से सिस्कती देश की बेटियां पर तो भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का मुंह बंद है, लेकिन कांग्रेस के विधायक को बदनाम करने के लिए हर हथकंडा अपना रहे हैं.


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