Jharkhand News: झारखंड राज्य समन्वय समिति (JSCC) ने शनिवार को राज्य सरकार को अधिवास और रोजगार नीति की समीक्षा करने और उन्हें यथाशीघ्र लागू करने की सिफारिश की. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) प्रमुख शिबू सोरेन के नेतृत्व वाली इस समिति का गठन पिछले साल जून में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल झामुमो के सहयोगियों कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से बेहतर समन्वय और विकास मुद्दे पर सरकार को परामर्श देने के लिए किया गया था. समिति की पहली बैठक शनिवार को सोरेन के आवास पर हुई.
‘बीजेपी रास्ते में बाधक बन रही’झामुमो के महासचिव एवं समिति के सदस्य विनोद पांडेय ने पत्रकारों से कहा कि सरकार ने स्थानीय लोगों को रोजगार सुनिश्चित करने के लिए पिछले साल रोजगार नीति लेकर आई थी जिसे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कुछ लोगों द्वारा चुनौती दिए जाने के बाद उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था. पांडेय ने कहा इसी तरह अधिवास नीति को बिना मंजूरी राजभवन से लौटा दिया गया. सरकार चाहती है कि जनभावना को ध्यान में रखा जाए लेकिन बीजेपी उसके रास्ते में बाधा खड़ी कर रही है.
समिति का सरकार से अनुरोधअब समिति ने सरकार से अनुरोध किया है कि निति को लागू करने से पहले इसकी समीक्षा करे और इसमें सुधार करे. वहीं समिति की तरफ से सरकार को एक उच्च-स्तरीय पैनल गठित करने की सलाह दी गई है. यह पैनल केंद्र से मंजूरी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेगा. इसके साथ ही समिति की तरफ से राज्य सरकार से निजी नौकरियों में स्थानीय युवाओं के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की अपील की गई है.
औद्योगिक इकाइयों के दौरे के लिए समिति का होगा गठनइसके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि यह भी तय किया जाए कि आरक्षण लागू होगा या नहीं. वहीं औद्योगिक इकाइयों का दौरा करने के लिए भी एक समिति का गठन किया जाएगा. इस बैठक में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता और कई राजद नेता भी शामिल हुए.
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