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Jharkhand News: भारत में मां-बाप ने ठुकराया, इटली के दंपति ने अपनाया... 6500 km दूर मासूम को मिला अपना घर
Dumka Child Adoption: दुमका के एक बच्चे को विदेश दंपत्ति ने गोद लिया. बच्चे को उसकी मैं ने छोड़ दिया था. स्पेशल नीड चाइल्ड होने की वजह से देश के निसंतान दंपत्तियों ने गोद लेने से इनकार कर दिया था.
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Inter Country Adoption in Dumka: झारखंड के दुमका जिले में एक विदेशी दंपत्ती को पहली बार इंटर-कंट्री एडॉप्शन दिया गया. इटली के दंपत्ति ने दत्तक ग्रहण संस्थान (एसएए) में रह रहे बालक को गोद लिया है, ये बच्चा इस संस्था में पिछले चार सालों से रह रहा था. सोमवार (29 अगस्त) को दुमका पहुंचे इटली के दंपत्ति को जब बालक को उनके गोद में दिया गया, तो पत्नी-पत्नी की आंखें खुशी भर आई. श्री अमड़ा में संचालित दत्तक ग्रहण संस्थान (एसएए) में सोमवार (29 अगस्त) को बाल कल्याण समिति के चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र, एसएए के प्रभारी तारिक अनवर और सामाजिक कार्यकर्ता वहीदा खातून ने इस दंपत्ति के गोद में बच्चे को सौंप दिया.
साउथ इटली के कोजेथा इलाके में रहने वाले इटली का यह दंपत्ति पिछले सात सालों से बच्चा गोद लेने के लिए इंतेजार कर रहा था. तत्कालीन उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने 4 मार्च 2023 को इस बालक को इटली के दंपत्ति को एडॉप्शन देने के आदेश पर अपनी मुहर लगा दी. बच्चा गोद लेने वाले उसके पिता इटली में पुलिस पदाधिकारी हैं और पत्नी गृहणी हैं. दोनों न तो अंग्रेजी जानते हैं और न हिन्दी. इसलिए वह अपने साथ दिल्ली से एक इंटरप्रेटर को लेकर यहां आये थे. पति ने बताया कि दोनों ने 2008 में शादी की थी, यूटरस निकाले जाने के कारण उनकी पत्नी मां नहीं बन सकती है. बच्चे को गोद लेने वाले दंपति ने बताया कि, दो साल पहले उन्होंने बच्चा गोद लेने का फैसला किया था, इसके लिए कारा की साइट पर रजिस्ट्रेशन करवाया था.
वीसा तैयार होते ही इटली लौट जायेगा दंपत्ति
वहीं अब दोनों पति-पत्नी बच्चे के एडॉप्शन के बाद काफी खुश नजर आये. वे इटली से बच्चे के लिए ढेर सारे खिलौने साथ लेकर आये थे. उन्होंने बताया कि उनका संयुक्त परिवार है और परिवार के सभी सदस्य बेसब्री से बच्चे का इंतेजार कर रहे हैं. बच्चे का पोसपोर्ट पहले ही बनवाया जा चुका है. दुमका से दंपत्ति बच्चे को लेकर कोलकाता जायेगा ओर वहां बच्चे का वीसा बनवाने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो जायेंगे. 9 या 10 सितंबर को वह बच्चे को लेकर इटली लौट जाएंगे. 2018 से अब तक दुमका से दिया गया यह 18वां और पहला इंटर कंट्री एडॉप्शन है.
दिल्ली के सफरदगंज अस्पताल में मिला था बच्चा
दुमका के इस बालक के जन्म से लेकर उसके एडॉप्शन की प्रक्रिया पूरी होने की कहानी बहुत ही मार्मिक है. जिले के सरैयाहाट थाना क्षेत्र की एक महिला अपने पति के साथ काम करने के लिए दूसरे राज्य गयी थी. वहां से वह परिवार के सदस्य के साथ भाग गयी. एक साल बाद उसने सफदरगंज अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया. नवजात के जन्म के बाद महिला को पता चला कि उसमें मेडिकल समस्या है, तो वह उसे अस्पताल के बेड पर छोड़कर भाग गयी. अस्पताल में उसने अपना पता दुमका का लिखाया था. लिहाजा दिल्ली सीडब्ल्यूसी ने दुमका सीडब्ल्यूसी से संपर्क किया. बच्चे की मेडिकल स्थिति देखते हुए दुमका सीडब्ल्यूसी ने इलाज करवाने के बाद बच्चे को दुमका ट्रांसफर करने का आग्रह किया, पर बच्चे का मामूली ऑपरेशन करवा कर उसे दुमका भेज दिया गया.
स्पेशल चाइल्ड के निसंतान दंपत्ति नहीं कर रहे थे एडॉप्ट
बच्चे के दुमका पहुंचने पर जब समिति ने उसके परिवार से संपर्क किया, तो उन्होंने उसे अपनाने से इंकार कर दिया. दुमका सीडब्ल्यूसी ने रिम्स में बच्चे का इलाज करवाया और 30 दिसंबर 2019 को इस बच्चे को एडॉप्शन के लिए लीगली फ्री घोषित कर दिया. चूंकि यह बालक स्पेशल नीड चाइल्ड था, इस वजह से भारत के निसंतान दंपत्तियों ने बच्चे को देखने के बाद गोद लेने से इनकार कर दिया. ऐसे हालत देख कारा के द्वारा बच्चे को इंटर कंट्री एडॉप्शन के लिए ओपेन कर दिया. इटली के इस दंपत्ति ने बच्चे की फोटो और मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद, उसको एडॉप्ट करने की स्वीकृति दे दी.
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