![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
Hazaribagh News: गूगल से सर्च कर दवाइयां लिखने वाला 'मुन्नाभाई' गिरफ्तार, डेढ़ साल से अस्पताल में कर रहा था नौकरी
Hazaribagh: हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में फर्जी डॉक्टर का पता चला है. ये डॉक्टर मरीज से बीमारी के लक्षण पूछकर गूगल करता था और फिर मरीजों को दवाई लिखता था. उसे गिरफ्तार किया गया है.
![Hazaribagh News: गूगल से सर्च कर दवाइयां लिखने वाला 'मुन्नाभाई' गिरफ्तार, डेढ़ साल से अस्पताल में कर रहा था नौकरी Hazaribagh Sheikh Bhikhari Medical College Hospital fake doctor Ram Babu Prasad arrested used to take help from Google Hazaribagh News: गूगल से सर्च कर दवाइयां लिखने वाला 'मुन्नाभाई' गिरफ्तार, डेढ़ साल से अस्पताल में कर रहा था नौकरी](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/05/18/8254e28db9cf6acfb35804bdd674f63f_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Sheikh Bhikhari Medical College: झारखंड के हजारीबाग स्थित शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक फर्जी डॉक्टर का पता चला है. मेडिकल कॉलेज के सुपरिंटेंडेंट की शिकायत मिलने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. फर्जी डॉक्टर, राम बाबू प्रसाद पिछले डेढ़ साल से नौकरी कर रहा था और मरीजों का बकायदा इलाज भी कर रहा था. वह मूल रूप से बिहार के सारण जिला अंतर्गत मिल्की गांव का रहनेवाला है. उसने हजारीबाग स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज में जूनियर रेजिडेंट के रूप में नौकरी के लिए जितने भी दस्तावेज दिये थे सारे फर्जी पाये गये हैं. यहां तक कि उसने दस्तावेजों में अपने पिता का नाम और अपनी जाति भी गलत दर्ज कर रखा था.
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
मामले का खुलासा मंगलवार को हुआ. जब मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को इस बात की जानकारी मिली कि उसने चिकित्सक के रूप में अपने रजिस्ट्रेशन का जो नंबर दिया है उसी नंबर वाले डॉक्टर राम बाबू प्रसाद नामक दूसरा शख्स मुजफ्फरपुर स्थित मेडिकल कॉलेज में पीजी की पढ़ाई कर रहा है.
मामले की हुई पुष्टि
मेडिकल काउंसिल ऑफ बिहार से इस बारे में जानकारी मांगी गयी तो इस बात की पुष्टि हो गयी कि हजारीबाग के मेडिकल कॉलेज में नौकरी कर रहे व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेज जमा किये हैं. इस मामले का खुलासा होने के बाद वह हजारीबाग मेडिकल कॉलेज से फरार हो गया था और शहर के विष्णुपुरी मोहल्ले में छिपकर रह रहा था.
गूगल पर सर्च करता था दवाई
जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि वह अस्पताल में आने वाले मरीजों से उनके लक्षण पूछने के बाद गूगल सर्च करके उन्हें दवाइयां लिखता था. हैरत इस बात की है कि वह मरीजों की सर्जरी करने वाले डॉक्टरों की टीम में शामिल रहा है, लेकिन किसी ने भी उसकी मेडिकल जानकारी नहीं होने का नोटिस नहीं लिया.
ये भी पढ़ें-
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)