Ghulam Nabi Azad News: जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने आगामी लोकसभा चुनाव 2024 लड़ने का ऐलान कर दिया है. गुलाम नबी अनंतनाग-राजौरी सीट से चुनावी मैदान में उतरने वाले हैं. उनकी पार्टी DPAP की ओर से आधिकारिक तौर पर लिस्ट जारी कर इस बात की घोषणा कर दी गई है. पार्टी के कोषाध्यक्ष ताज मोहिउद्दीन ने श्रीनगर में मंगलवार (2 अप्रैल) को इसका ऐलान किया. मालूम हो, साल 2022 में गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से 50 साल पुराना नाता तोड़ दिया था. इसके बाद अपनी पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) का गठन किया. 


डीपीएपी अब चुनाव से पहले गठबंधन के लिए भी तैयार है. पार्टी नेताओं का कहना है कि आगामी आम चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर में गठबंधन के लिए उनके दरवाजे खुले हैं. अगर किसी दल की विचारधारा डीपीएपी से मिलती है, तो चर्चा की जा सकती है. दूसरी ओर, अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व वाली जेकेएपी ने बीजेपी के साथ गठबंधन से इनकार कर दिया है. दोनों पार्टियों के बीच वैचारिक मतभेदों के चलते पार्टी ने यह फैसला लिया है. 


जेकेएपी से गठबंधन की संभावना पर क्या बोली डीपीएपी?
वहीं, जेकेएपी से गुलाम नबी आजाद की पार्टी के गठबंधन को लेकर डीपीएपी नेता का कहना है कि यह चर्चा आगे नहीं बढ़ी. जेकेएपी को अनंतनाग सीट में कोई दिलचस्पी नहीं थी. वहीं, डीपीएपी का कहना है कि कश्मीर की बाकी सीटों पर बी जल्द ही उम्मीदवारों का ऐलान किया जाएगा. 


अनंतनाग-राजौरी सीट से पीडीपी का प्रत्याशी
जानकारी के लिए बता दें कि इस बार नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट के लिए पार्टी के सीनियर नेता मियां अल्ताफ अहमद लाहरवी को प्रत्याशी बनाया है. इससे पहले महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ गठबंध की संभावना थी, जिसके अब आसार नहीं हैं. मालूम हो, यह सीट महबूबा मुफ्ती के गृहक्षेत्र में आती है.


अनंतनाग राजौरी सीट का इतिहास
बता दें, साल 2022 से पहले यह सीट अनंतनाग के नाम से जानी जाती थी. फिर, 2022 के परिसीमन अभ्यास में पुंछ और राजौरी जिलों को भी इसमें शामिल किया गया. इसके बाद इस सीट को अनंतनाग-राजौरी नाम दिया गया. साउथ कश्मीर में आने वाला अनंतनाग क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य इलाका है. वहीं, पुंछ और राजौरी में ज्यादातर जनसंख्या गुज्जर और पहाड़ी समुदाय की है.