Himachal Flood: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हवाई सर्वेक्षण कर हालात का लिया जायजा, स्थिति सामान्य बनाने की कोशिश जारी
Himachal Flood: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने और सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करने के लिए हवाई सर्वेक्षण किया.
Himachal News: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण कई जगहों पर बाढ़ की स्थिति पैदा हुई है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार राज्य की स्थिति सामान्य हो उसके लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. कई जगहों पर बाढ़ में फसे लोगों को बचाया जा रहा है तो कही लोगों की उनके घरों से निकालकर सुरक्षित पहुंचाया जा रहा है. हाल ही में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने और सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करने के लिए हवाई सर्वेक्षण किया.
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किया हवाई सर्वेक्षण
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हवाई सर्वेक्षण की वीडियो शेयर कर लोगों को जानकारी दी. उन्होंने कहा, 'आज बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने और सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करने के लिए हवाई सर्वेक्षण किया. यह सर्वेक्षण अधिक प्रभावित क्षेत्रों के लिए प्रभावी राहत उपाय तैयार करने और संसाधनों को तैनात करने में सहायता करेगा. इस सर्वेक्षण का उद्देश्य प्रभावित समुदायों को समय पर सहायता व राहत प्रदान करना और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास प्रक्रिया में तेजी लाना है.' सुक्खू समय-समय पर हालात का जायजा ले रहे हैं.
अब तक चार हजार करोड़ के नुकसान का अनुमान
आपको बता दें कि, बाढ़ के चलते जल शक्ति विभाग को 350.15 करोड़ रुपए, लोक निर्माण विभाग को 355.96 करोड़ रुपए, बिजली विभाग को 0.92 करोड रुपए, बागवानी विभाग को 70.36 करोड़ रुपए और शहरी विकास विभाग को 0.41 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह का कहना है कि बीते तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश के बाद नुकसान का आंकड़ा चार हजार करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है.
शिमला में पानी को तरसे लोग
शिमला के लोगों को पीने के पानी के लिए परेशानी से जूझना पड़ रहा है. हालात यह हैं कि बीते चार दिन से लोगों के घरों पर पानी नहीं आया है. पांचवें दिन भी जब पानी नहीं आया, तो नगर निगम शिमला को कुछ इलाकों में पानी के टैंकर से वाटर सप्लाई का काम पूरा करना पड़ा. शिमला में पानी की आपूर्ति करने वाली मुख्य पेयजल योजनाओं में भारी गाद यानी मिट्टी भर आई है. इसकी वजह से पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं. यही नहीं, चाबा पेयजल परियोजना का पंप हाउस तो पूरी तरह बाढ़ में डूब गया है. इसके चलते यहां पंपिंग पूरी तरह ठप हो गई है.
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