Himachal Lok Sabha Chunav 2024: पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम शिमला पहुंचे हैं. शिमला में मीडिया के साथ बातचीत के दौरान पी. चिदंबरम ने भारतीय नेता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. पी. चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री को एक भी कांग्रेस की घोषणा पत्र में एक ऐसा पैराग्राफ बताना चाहिए, जहां तुष्टिकरण नजर आता हो.
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार में देश सामाजिक और आर्थिक तौर पर खंडित हुआ है. उन्होंने कहा कि एससी और एसटी समुदाय के साथ सभी धर्म के गरीबों के साथ अन्याय हुआ है. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में हर वर्ग के न्याय की बात कही है. उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में कांग्रेस के मेनिफेस्टो की चर्चा हो रही है. बीजेपी के मेनिफेस्टो की दूर-दूर तक कोई चर्चा नहीं है. ऐसे में बीजेपी नेता कांग्रेस के घोषणा पत्र से चिढ़ रहे हैं.
बीजेपी के मेनिफेस्टो की बात नहीं हो रही- चिदंबरम
पी. चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी का घोषणा पत्र कोई घोषणा पत्र नहीं है, क्योंकि इसमें तो मोदी की गारंटी की बात कही गई है. उन्होंने प्रधानमंत्री से विनम्रतापूर्वक आग्रह किया कि उन्हें पहले कांग्रेस का घोषणा पत्र पढ़ लेना चाहिए. चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र की चर्चा तो दूरदराज के गांव तक हो रही है, लेकिन बीजेपी के घोषणा पत्र की चर्चा तो जारी होने के दो घंटे बाद ही समाप्त हो गई थी.
इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर पी. चिदंबरम का निशाना
वहीं, इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर पी. चिदंबरम ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए राजनीतिक दलों को समान मौका नहीं मिला है. चिदंबरम ने कहा कि यह लेवल प्ले फील्ड नहीं है. जिस तरह भारतीय जनता पार्टी के बड़े-बड़े बैनर और टीवी चैनल पर ऐड चल रही है, उससे बीजेपी से कोई मेल नहीं हो सकता.
उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड से बीजेपी को 8 हजार 500 करोड़ रुपए मिले हैं. वहीं, कांग्रेस के खातों को फ्रीज करने का काम किया गया है. चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस के प्रचार में जनता उनका साथ देगी.
कैसे पार होगा 400 का आंकड़ा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 400 पार के नारे को लेकर उन्होंने कहा कि पहले तो बीजेपी को स्पष्ट करना चाहिए कि वह कितनी सीट पर चुनाव लड़ रही है. बीजेपी तमिलनाडु में 25 और केरल में 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इन सभी सीटों पर ही बीजेपी को हार मिलने वाली है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को 400 पार के आंकड़े को पूरा करने के लिए दूसरे देश में ही चुनाव लड़ना होगा.